यूपी। सूबे में सत्तारूढ़ सपा परिवार की जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में गुरुवार को मुलायम सिंह द्वारा बुलाई गई लोहिया ट्रस्ट की बैठक बुलाई लेकिन इसमें सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, आजम खान, धर्मेंद्र यादव, रामगोपाल यादव, तथा बलराम यादव शामिल नहीं हुए हैं। इससे साफ है कि अखिलेश यादव और उनके समर्थकों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।
अखिलेश यादव तथा उनके समर्थकों का इस बैठक का बहिष्कार से साफ हो गया है कि पार्टी में चाचा-भतीजे की जंग अभी खत्म नहीं हुई है। विधानसभा चुनाव में भी सपा की हार चाचा-भतीजे की जंग ही मानी जा रही थी। इसलिए साफ है कि सपा परिवार इन दिनों कठिन परिस्थियों में चल रहा है। लेकिन लोहिया ट्रस्ट को आधार बनाकर शिवपाल अपनी रणनीति बनाने में लगे हुए हैं। इस बैठक को शिवपाल का सियासी कदम माना जा रहा है।
अगर बात की जाए विधानसभा चुनाव की तो अखिलेश और रामगोपाल यादव ने शिवपाल को दरकिनार किया था। अखिलेश ने उस वक्त पार्टी को पूरी तरह संभाला था। जिसके बाद अखिलेश यादव द्वारा शिवपाल के समर्थकों और नेताओं को भी अलग किया गया था। यह सब अखिलेश ने गठबंधन के बाद किया था। हालांकि खबर यहां तक आ रही थी कि शिवपाल यादव बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। लेकिन शिवपाल यादव मुलायम सिंह यादव के जरिए अब निखरने में लगे हुए हैं।