भोपाल। मप्र विधानसभा के 17 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र की बैठकें 28 जुलाई तक चलेंगी। इस 12 दिवसीय सत्र में कुल 10 बैठकें होंगी। इन बैठकों के लिए विधानसभा सचिवालय को अब तक तीन हजार से अधिक प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं। बैठकों के दौरान सदन में भारी हंगामे के आसार हैं।
जानकारी के अनुसार विपक्षी दल कांग्रेस ने सत्र के दौरान भारी हंगामे की रणनीति तैयार की है। काम रोको प्रस्ताव के माध्यम से सत्तापक्ष को आरोपों के कटघरे में खड़ा करने के लिए हाल ही के किसान आंदोलन को विपक्ष की ओर से सदन में उठाया जाएगा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार सदन के पहले दिन 17 जुलाई की बैठक केन्द्रीय राज्य मंत्री अनिल माधव दवे एवं चित्रकूट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते प्रेम सिंह एवं अन्य के निधन के उल्लेख और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद स्थगित कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि वर्ष 2003 में उमा भारती की सरकार की नीव रखने वाले केन्द्रीय मंत्री अनिल माधव दवे का 18 मई को और मौजूदा सदन के सदस्य प्रेम सिंह का 29 मई को निधन हुआ है। इन्हीं के साथ पूर्व सांसद फतेहबहादुर, प्रदेश के पूर्व गृह राज्य मंत्री सत्यनारायण अग्रवाल, सदन के पूर्व सदस्य नारायण सिंह पवार, पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक के.पी.एस. गिल और प्रदेश के ही मंदसौर जिले के किसान आंदोलन में मारे गए कृषकों तथा बालाघाट के पटाखा कारखाने में लगी आग के दौरान मृत श्रमिकों को भी सदन में श्रृद्धासुमन अर्पित किए जाएंगे।
सदन की बैठक 11 बजे शुरू होने से पूर्व इसी दिन सुबह 10 बजे से राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान प्रारंभ होगा। चुनाव आयोग द्वारा दोषी ठहराये गए संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा मतदान कर सकेंगे अथवा नहीं इस पर अभी संशय बना हुआ है। सदन की बैठकों के दौरान पूछे जाने वाले सवालों की संख्या अब तक 3,257 का आंकड़ा छू चुकी है। वहीं ध्यानाकर्षण की सूचनाएं भी 124 तक पहुंच गई हैं। बड़ी संख्या में स्थगन प्रस्ताव भी प्रस्तुत हुए हैं, लेकिन अभी यह तय नहीं हो पाया है कि सदन में कितने स्थगन प्रस्तावों को चर्चा में लिया जाएगा।