नई दिल्ली। मैक्स अस्पताल ने एक मां से उसकी जिंदगी का वो हिस्सा छीन लिया जिसे देखकर वो जिया करती थी। अपने दूसरे की मौत की खबर सुनने के बाद वर्षा अपने होश खो चुकी हैं। परिवार में तीन साल बाद खुशियां आई थीं। नन्हे मेहमान के स्वागत की तैयारियां कर ली गई थी, लेकिन मैक्स अस्पताल ने उनकी जिंदगी में अंधेरा कर दिया।
वर्षा ने कहा कि शायद सरकारी अस्पताल में होती तो उनके बच्चे की जान बच गई होती। वर्षा ने बताया कि जब तक वो अस्पताल में रही डॉक्टर उनसे अच्छे से बात तकल नहीं करते थे। वर्षा ने कहा कि मैक्स अस्पताल पर ताला लगाना चाहिए। उस डॉक्टर ने मेरे जिंदा बच्चे को मरा हुआ बताया था। वर्षा ने कहा कि सरकार से उम्मीद थी, लेकिन ना केंद्र ने मदद की और ना राज्य सरकार ने।
बता दें कि मैक्स अस्पताल ने वर्षा के जिंदा बच्चे को मृत घोषित कर दिया था। छठे दिन बच्चे की मौत हो गई थी। इलाज करने वाले डॉक्टर ने बच्चे की मौत की पुष्टि कर दी। डॉक्टर ने कहा कि बच्चे के पहले दिन ही हालत खराब थी और उसे बचा पाना मुश्किल था।