नई दिल्ली। भ्रष्टाचार और कालेधन को रोकने के लिए सरकार द्वारा किए गए नोटबंदी के फैसले के अब परिणाम नजर आते दिख रहे हैं, नोटबंदी के बाद से बैंकों में पुराने नोट जमा करने वाले जिन 18 लाख करदाताओं से एसएमएस व ई-मेल के जरिये सवाल किये गये थे, उनमें से 5.27 लाख लोगों ने जवाब दे दिये हैं, इसकी जानकारी आयक विभाग ने दी है।
सूत्रों के हवाले से प्राप्त हो रही जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग ने अभी तक जवाब न देने वालों को चेतावनी दी है कि वे 15 फरवरी तक जवाब दाखिल करें अन्यथा उनके खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई की जाएगी। विभाग के अनुसार 5.27 लाख करदाताओं में से 99.5 फीसद लोगों ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने नोटबंदी के बाद 50 दिन की अवधि में नकदी बैंक में जमा कराई। इन लोगों ने कुल 7.41 लाख करोड़ रुपये बैंकों में जमा कराये। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि विभाग के क्लीन मनी अभियान को जोरदार रेस्पांस मिला है। 12 फरवरी तक 5.27 लाख लोगों ने जवाब दिये।
विभाग ने अभियान के तहत 31 जनवरी को उन 18 लाख लोगों को एसएमएस व ई-मेल भेजकर सवाल किये थे जिन्होने नोटबंदी के दौरान पांच लाख रुपये से ज्यादा बैंकों में जमा किये। जवाब देने के लिए दिया गया दस दिन का समय बाद में 15 फरवरी तक बढ़ा दिया गया। सीबीडीटी ने कहा कि आयकर कानून के तहत प्रवर्तन कार्रवाई से बचने के लिए करदाताओं को तय समय में जवाब दे देना चाहिए।