नई दिल्ली|प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की बढ़ती अनिश्चितता से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए भारत और न्यूजीलैंड के बीच व्यापक आर्थिक संबंध बनाने की जरूरत है। भारत दौरे पर आए न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए मोदी ने कहा कि दोनों देश व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) को जल्द अंतिम रूप देने की दिशा में काम करने पर सहमत हुए हैं।
मोदी ने कहा, “प्रधानमंत्री की और मैंने हमारे द्विपक्षीय वचनबद्धता और बहुस्तरीय सहयोग के सभी पहलुओं पर विस्तृत और फलदायी चर्चा की। उन्होंने आगे कहा, “वैश्विक अर्थव्यवस्था की बढ़ती अनिश्चितता से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए हम दोनों व्यापक आर्थिक सहयोग की जरूरत को स्वीकार करते हैं। हम एक संतुलित और परस्पर लाभदायी सीईसीए को जल्द अंतिम रूप देने की दिशा में ध्यानपूर्वक काम जारी रखने पर सहमत हुए हैं।”
मोदी ने यह भी कहा कि खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, कृषि और उनकी आपूर्ति श्रृंखला समेत अन्य संबंधित क्षेत्रों में सहयोग की व्यापक संभावना है। जॉन तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आश्वस्त किया कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने के लिए भारत का समर्थन करेगा।उन्होंने कहा, “परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल होने के भारत के आवेदन को लेकर मैंने तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत की। एनएसजी में भारत के शामिल होने की महत्ता को मैं स्वीकार करता हूं।
भारत दौरे पर आए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर से कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने के लिए न्यूजीलैंड भारत का दृढ़ समर्थन करेगा।भारत के साथ परस्पर लाभकारी संबंधों पर की ने कहा कि दोनों देशों ने खाद्य सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, शिक्षा व सीमा शुल्क जैसे क्षेत्रों में साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई है। “हमने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर घनिष्ठ समन्वय पर सहमति जताई है।”
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों नेता अपने-अपने देश में कारोबारी माहौल बनाने को कटिबद्ध हैं, जो रोजगारों का सृजन करने वाला तथा लोगों की समृद्धि के अनुकूल हो।
उन्होंने कहा, “उच्च गुणवत्ता के व्यापार समझौतों से इसे उत्साह मिलेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मैंने द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत तथा क्षेत्रीय व्यापक अर्थव्यवस्था साझेदारी वार्ता के माध्यम से उस उद्देश्य के लिए काम करने पर सहमति जताई है।”