राजस्थान

अवैध खदानें धड़ल्ले से ढो रहीं खनिज, विभाग की पूरी कृपा दृष्टि

k अवैध खदानें धड़ल्ले से ढो रहीं खनिज, विभाग की पूरी कृपा दृष्टि

जगदलपुर। खनिज विभाग द्वारा जिले में गिट्टी व मुरूम के अवैध परिवहन मामले मे तो गिनी-चुनी कार्रवाई की जा रही है, लेकिन अवैध रूप से चल रहे खदानों पर विभाग की पूरी कृपा दृष्टि बनी हुई है। आरटीआई के तहत प्राप्त दस्तावेज के हिसाब से दो साल में तीन करोड़ से अधिक राशि विभिन्न विभागों ने ठेकेदारों से रायल्टी राशि वसूल कर खनिज विभाग को दी है।

k अवैध खदानें धड़ल्ले से ढो रहीं खनिज, विभाग की पूरी कृपा दृष्टि

वहीं विभाग ने दो साल में महज चार खदानों में कार्रवाई कर एक लाख 10 हजार रूपए जुर्माना वसूला है। जब संबंधित विभागों द्वारा निर्माण कार्य में प्रयुक्त खनिज की रायल्टी सीधे ठेकेदार से वसूल विभाग को दी जा रही है। ऐसे में केवल अवैध परिवहन के नाम पर कार्रवाई विरोधाभाषी है। एक तरफ सरकारी निर्माण में अवैध गौण खनिज परिवहन हो रहा है। वहीं दूसरी ओर निर्माण विभागों द्वारा रायल्टी राशि को लेकर इसे वैध किया जा रहा है। यह भी आरोप है कि विभागीय निरीक्षक के मिलीभगत से अवैध खनन की कार्रवाई जारी है।
खनिज विभाग से सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी में कई अहम खुलासा हुआ है। सचिवालय से प्राप्त गाइड लाईन के अनुसार विभाग के राजस्व क्षति को रोके जाने के लिए पूर्व में जारी आदेश अनुसार आरईएस, एनएच , नगर निगम, छग गृहनिर्माण मंडल, जल संसाधन, लोनिवि समेत अन्य निर्माण एजेंसियों के द्वारा वर्ष 2014 से लेकर 2016 तक के बीच कुल तीन करोड़ एक लाख 21 हजार 665 रूपए ठेकेदारों के पेमेंट से काटकर खनिज विभाग को रायल्टी के रूप में जमा की गई है।
विदित हो कि विभाग के निरीक्षक केवल खनिज के अवैध परिवहन पर ही फोकस कर रहे हैं वसूली के लिए रास्तें में अवैध गिट्टी, मुरू म या रेत से भरी ट्रकों को रोककर कार्रवाई की जा रही है पर अवैध रूप से संचालित खदानों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल में खनिज विभाग ने विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा जमा किए गए रायल्टी का डिटेल बताने से इंकार किया गया है।

वहीं विभाग को विभिन्न विभागों द्वारा जारी किए गए रायल्टी के मद की भी विस्तृत जानकारी नहीं है। उनका कहना तर्क यह है कि उनकी प्राथमिकता केवल राजस्व अर्जित करने तक है। खनिज विभाग के पास निर्माण एजेंसियों तक पहुंचने वाले खनिज सामग्री के जांच का कोई मापदंड नहीं है।

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