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महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही छेड़छाड़ के लिए हिन्दी फिल्में जिम्मेदार

ालको महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही छेड़छाड़ के लिए हिन्दी फिल्में जिम्मेदार

पणजी। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा और छेड़छाड़ के लिए बॉलिवुड और हिन्दी फिल्मों को जिम्मदार माना है। शुक्रवार को गोवा फेस्ट में बोलते हुए मेनका ने कहा कि आजकल के समाज में लड़कियों और औरतों के साथ बढ़ रही आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और हिन्दी सिनेमा इसे बढ़ावा देती है।

ालको महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही छेड़छाड़ के लिए हिन्दी फिल्में जिम्मेदार

छेड़छाड़ से शुरू होते फिल्म की कहानी ईव टीजिंग को देती बढ़ावा

किसी भी फिल्म में लड़की से लड़के की कहानी पहले छेड़छाड़ से ही शुरू होती है उसके बाद लड़की धीरे-धीरे उसके साथ प्यार में पड़ जाती है। फिल्मों में इसी तरह के सीन फिल्माए जाते हैं जिससे इस तरह की एक्टिविटीज को बढ़ावा मिल रहा है। चाहे वो किसी भी भाषा में बनी फिल्म क्यूं न हो सभी में आजकल इस तरह की ईव टीजिंग और छेड़छाड़ की घटनाएं दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है।

‘फिल्मों संचार का अच्छा माध्यम”

उन्होंने कहा कि पिछले 50 सालों से फीचर फिल्मों का इस्तेमाल संदेश के लिए किया जा रहा है, लेकिन जिस तरह का संदेश इसके जरिए मिलना चाहिए वैसा नहीं हो रहा। हर क्षेत्रीय और हिन्दी फिल्मों में छेड़छाड़ और आपराधिक घटनाओं को बढ़-चढ़ाकर दिखाया जाता है। मेनका ने साथ ही कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान बिहार और जम्मू-कश्मीर को छोड़ पूरे देश में सफल रहा है। इसके अलावा गोवा फेस्ट 2017 में मेनका गांधी ने फिल्मकारों और विज्ञान बनाने वालों से अपील की कि वे महिलाओं की अच्छी छवि को दिखाएं।

 

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