देहरादून। उत्तराखंड में पूंजी निवेश को बढ़ाने के लिए सिडकुल बोर्ड के मुख्य सचिव उत्पल सिंह ने बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में पूंजी निवेश बढ़ाने के लिए तेजी से काम किया जाना चाहिए, जिसके लिए हम लंबित योजनाओं का निवारण जल्द से जल्द कर देना चाहिए। मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में अबतक 30 हजार करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हो चुका है. इस दौरान सिडकुल ने सात औद्योगिक केंद्र विकसित किए है। उन्होंने बताया कि 8708.9 एकड भूमि पर विकसित औद्योगिक क्षेत्र में छोटे-बड़े मिलाकर कुल 2000 उद्योग स्थापित किए गए हैं।
इनमें पंतनगर, हरिद्वार, सेलाकुई, कोटद्वार, आईटी पार्क, सितारगंज फेज एक और फेज दो और काशिपुर के उद्योग शामिल है, जिसके चलते लगभग 2 लाख लोगों को रोजगार अवसर मिले है और 22 करोड़ रुपये का पुंजी नुिवेश हुआ है। बताया गया कि 2011-12 में उप्र के 16 औद्योगिक क्षेत्रों को सिडकुल को सुपुर्द किया गया। इसे सिडकुल द्वारा औद्योगिक इकाइयों के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। 1,102.72 एकड़ भूमि पर विकसित इन औद्योगिक क्षेत्रों में 1,140 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश आकर्षित किया गया है।
इससे 15,250 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। बताया गया कि सिडकुल के पास 931 करोड़ रुपये की औद्योगिक, 216 करोड़ रुपये की व्यावसायिक, 94 करोड़ रुपये की आवासीय और 202 करोड़ रुपये की संस्थागत भूमि उपलब्ध है। इसके अलावा 1002 एकड़ भूमि खुरपिया फार्म और 803 एकड़ भूमि नेपा लि. की मिली है। सिडकुल के पास 913 करोड़ की 944 एकड़ भूमि पंतनगर, कोटद्वार, काशीपुर टेक्सटाइल पार्क, जसपुर टेक्सटाइल पार्क और भीमताल में उपलब्ध है।
थाईलैंड, बेल्जियम, इटली, चीन का प्रतिनिधिमंडल पूंजी निवेश की संभावना की तलाश करने औद्योगिक क्षेत्रों का भ्रमण किया। दक्षिण कोरिया की कम्पनियों ने भी पूंजी निवेश की रुचि दिखाई है। वर्ष 2016-17 में सिडकुल ने 70 करोड़ रुपये की 40 इकाइयों को आकर्षित किया है। बैठक में प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार, एमडी सिडकुल आर. राजेश कुमार, इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के पंकज गुप्ता, अपर सचिव वित्त एलएन पंत आदि मौजूद रहे।