नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। हर एक पक्ष अपने उम्मीदवार को दसरे से बेहतर बता रहा है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने इस बारे में एनडीए सरकार के प्रत्याशी चयन को लेकर सत्तापक्ष पर तंज कसा उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार लालकृष्ण आडवानी या मुरली मनोहर जोशी जैसे किसी बड़े नेता को इस पद के लिए आगे करेगा। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया है।
पवार ने यूपीए और विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को रामनाथ कोविंद की अपेक्षा बेहतर बताते हुए कहा कि वो आईएफएस के तौर पर कई भारतीय मिशनों में देश की सेवा कर चुकी हैं। इस साथ ही मीरा कुमार देश की पहली महिला दलित लोकसभा स्पीकर हैं। इसके साथ ही 5 बार सांसद और कैबिनेट मंत्री भी रही हैं। ऐसे में कोविंद की अपेक्षा के लम्बा व्यवहारिक और राजनीतिक अनुभव रखती हैं। इसलिए विपक्ष की तरफ से मीरा कुमार एक बेहतर उम्मीदवार हैं।
जब पवार से इस बारे में मीडिया ने पूछा कि क्या एनडीए में रामनाथ कोविंद से बेहतर कोई उम्मीदवार नहीं था। तो उन्होने इस सवाल के बारे में साफ कहा कि ये एनडीए गठबंधन का आपसी मामला है। हमें उम्मीद थी कि आडवानी या जोशी में किसी को ये इस पद के लिए खड़ा करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। इसके बाद पवार ने केन्द्र सरकार को विफल बताते हुए कहा कि सरकार देश की सुरक्षा के मोर्च पर विफल रही है। कश्मीर के हालात पर भी तक सरकार ने कोई काबू नहीं पाया है।
देश में किसानों की हालत हर जगह एक जैसी है। अन्नदाता आज खुद भूखा मर रहा है। अच्छे दिन का सारा नारा गायब हो गया है। कश्मीर जल रहा है, देश में असुरक्षा के हालत हैं। आंतरिक सुरक्षा को ठीक करने के लिए सरकार को बड़े कदम उठाने होंगे। इसके साथ ही देश की सैन्य व्यवस्था को ठीक करने के लिए देश को पूर्णकालिक रक्षामंत्री की सबसे अधिक जरूरत है।