पटना। केन्द्र एवं बिहार सरकार द्वारा भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके पारिवारिक जनों के कल्याण के लिए कई कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। भूतपूर्व सैनिकों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया गया है। सैनिकों के बच्चों के लिए भी व्यवसायिक शिक्षा के क्षेत्र में प्राथमिकता दी गयी है। शहीद परिवारों की देखभाल के लिए सरकार हमेशा सजग रही है। भूतपूर्व सैनिकों को आर्थिक रूप से परेशानी न हो, इसके लिए समय-समय पर सेना मुख्यालय द्वारा भी हर संभव प्रयास किए जाते हैं। उक्त बातें, राज्यपाल राम नाथ कोविन्द ने दानापुर कैन्ट मैदान में आयोजित भूतपूर्व सैनिकों एवं वीर नारियों के लिए आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कही।
राज्यपाल ने कहा कि भारत सरकार और बिहार सरकार भूतपूर्व सैनिकों, शहीद परिवारों एवं दिव्यांग सैनिकों के कल्याण के प्रति हमेशा संवेदनशील रही है। वर्तमान केन्द्र सरकार ने ‘वन रैंक वन पेंशन योजना’ को लागू कर सभी भूतपूर्व सैनिकों की लम्बे समय से लंबित मांग को पूरा कर दिया है। फलस्वरूप, इसके तहत देश भर में 18 लाख पूर्व सैनिकों एवं युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं को इसका लाभ मिला है। यह एक ऐसी पहल थी, जिसका पूरे देश ने स्वागत किया।
राज्यपाल ने कहा कि पिछले दिनों राजभवन में बिहार राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड की राजकीय प्रबंध समिति की बैठक हुई थी । इस बैठक में भूतपूर्व सैनिकों एवं मृत सैनिकों की पत्नियों, उनकी संतानों एवं उनके माता-पिता आदि के कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक के दौरान मेधावी छात्रवृति, वैवाहिक अनुदान, सेवाकाल में सैन्य सेवा के कारण शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को मकान बनाने/उसकी मरम्मति आदि हेतु सहायता, शिक्षा अनुदान, छात्रावास अनुदान आदि के लिए आर्थिक अनुदान की पूर्व निर्धारित सहायता राशि को बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
कार्यक्रम में मेजर जनरल एसएस.मामक ने भी अपने विचार व्यक्त किये एवं राज्यपाल का स्वागत किया। समारोह में बिहार के गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, सैन्य पदाधिकारीगण एवं सैकड़ों की संख्या में भूतपूर्व सैनिक उपस्थित थे।