नई दिल्ली। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि उनका मंत्रालय दूरसंचार ग्राहकों पर सेवा कर जीएसटी के प्रभाव का विश्लेषण करेगा और उपभोक्ता या सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों की वास्तविक समस्याओं के मामले में वित्त मंत्रालय से संपर्क करेगा।
मनोज सिन्हा ने कहा कि दूरसंचार सेवाओं के लिए जीएसटी की दर 1 जुलाई के बाद 18 फ़ीसदी हो गई है जो पहले 15 प्रतिशत थी। हालांकि जीएसटी के तहत दूरसंचार ऑपरेटरों को भी इनकम टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलेगा। जिससे उपभोक्ताओं के लिए संभव प्रभावी दरों में कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि अगर वास्तविक समस्याएं है तो निश्चित रुप से वह वित्त मंत्री से परामर्श करेंगे। पर पहले हम इसका विश्लेषण करेंगे कि लोग क्या दे रहे हैं और जीएसटी का असर उपभोक्ताओं को इनपुट क्रेडिट दिया जा रहा है या नहीं। उन्होने कहा कि इस संबंध में अभी जीएसटी परिषद या वित्त मंत्रालय से संपर्क करने का कोई इरादा नहीं है।
संचार राज्यमंत्री ने कहा कि इनपुट क्रेडिट के प्रभाव से कराधान स्तर कम हो जाएगा इसलिए प्रभाव 16 प्रतिशत के करीब होगी। उन्होंने स्वीकार किया की सेवा प्रदत्त कंपनियों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए परिचालन में कठिनाई हो सकती है क्योंकि वह सभी भौगोलिक क्षेत्रों में काम करती हैं उन्होंने कहा कि यह एक परिचालन का मुद्दा है और हम देखेंगे इसे कैसे हल किया जा सकता है
श्री सिन्हा ने कहा कि उनका मंत्रालय जीएसटी के प्रभाव के संबंध में इस क्षेत्र पर करीब से नजर रख रहा है और बिलिंग व्यवस्था को जल्द देखेगा लेकिन सेवा प्रदत्त कंपनियां भी जीएसटी की भावना के खिलाफ नहीं जा सकतीं जीएसटी परिषद और सरकार इस पर गौर करेगी।