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ममता का हिन्दू प्रेम, पश्चिम बंगाल में बीजेपी को रोकने के लिए चली राहुल की राह

dakshineswar west bengal chief minister mamata 280108 ममता का हिन्दू प्रेम, पश्चिम बंगाल में बीजेपी को रोकने के लिए चली राहुल की राह

कोलकाता। हमारे देश के राजनेता कब अपना रंग बदल ले कुछ कह नहीं सकते। अल्पसंख्यकों का वोट पाकर आगे बढ़ने वाली कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिंदू वोटों के लिए हिंदू राग क्या अलापा अब सब उन्ही की राह पर चल पड़े हैं। दरअसल गुजरात चुनाव के दौरान राहुल ने मंदिरों के दर्शन कर और खुद को सच्चा हिंदू वा शिवभक्त बताकर हिंदू वोटों को बीजेपी के पालें से खींचने की कोशिश की थी और वो इसमें कई जगह सफल भी साबित हुए। इसी राह पर अब बंगाल की दीदी यानी की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी चल पड़ी हैं। बंगाल के हिंदू वोटों को बीजेपी के खाते में जाने से रोकने के लिए अब दीदी ने भी हिंदू राग अलापना शुरू कर दिया है। dakshineswar west bengal chief minister mamata 280108 ममता का हिन्दू प्रेम, पश्चिम बंगाल में बीजेपी को रोकने के लिए चली राहुल की राह

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी को पैर पसारने से रोकने के लिए उन्होंने खुद को बतौर हिंदू के तौर पेश करने का हथकंड़ा अपनाया है। एक कार्यक्रम के दौरान ममता ने खुद को ”सहिष्णु” हिंदू बताया। बता दें कि गंगासागर दौरे पर गई ममता ने कपिलमुनि आश्रम में मुख्य पुजारी के साथ एक घंटे तक समय बिताया। इसके बाद बाहर आकार सीएम ने कहा कि मैं यहां फिर आउंगी। माना जा रहा है कि ये कदम ममता ने खुद को अल्पसंख्यकों के समर्थक की छवि से उभारने के लिए उठाया है, ताकि आने वाले चुनावों में बंगाल में बीजेपी के हिंदू कार्ड पर सेंध लगाई जा सके।  मिली जानकारी के मुताबिक ये कदम सीएम ने राज्य की सबांग और दक्षिण कांति में हुए उपचुनाव में बीजेपी के बढ़ते वोट शेयर को लेकर उठाया है।

सबांग में टीएमसी को 10,6,179 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के उम्मीदवार को 37,476 वोट हासिल हुए थे। हैरानी की बात यहां ये है कि साल 2016 में यहां बीजेपी को मात्र 5610 वोट ही मिल थे। ममता के हिंदू कार्ड को लेकर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि क्योंकि बीजेपी ने हिंदुओं को एकजुट कर अपने पक्ष में मतदान बढ़ाया है और पीएम मोदी ने सभी तरह के हिंदू वोट फिर चाहे वो सवर्ण, दलित या फिर पिछडे ही क्यों न हो सबका समर्थन हासिल किया है। इसी को लेकर ममता बनर्जी ने बीजेपी की सियासत से निपटने के लिए एससी एडवायजरी काउंसिल बनाने का फैसला लिया है, साथ ही उत्तर बंगाल में राजबंशी के लिए एक वेलफेयर बोर्ड बनाने का भी फैसला लिया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने तारापीठ तारकेश्वर और कालीघाट मंदिर के पुनर्रुद्धार के लिए भी बोर्ड बनवाने का फैसला लिया है।

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