नई दिल्ली। गुरूवार को सरकार ने लोकसभा में पूरे देश में न्यूनतम मजदूरी को एकसमान करने के लिए विधेयक पेश किया गया है। सरकार ने सभी वेतनों को एक करके लोकसभा में वेतन संहिता विधेयक-2017 पेश किया है। वहीं रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सदस्य एनके प्रेमचंद्रन ने इस विधेयक का विरोध करते हुए हड़बड़ी में विधेयक को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए।
वहीं विधेयक को लेकर प्रेमचंद्रन का कहना है कि आप बहुत ही जल्दबाजी में ये विधेयक पेश कर रहे हैं। इससे से साफ होता है कि आप सवालों से बचना चाहते हैं और किसी भी सवाल का जवाब नहीं देना चाहते। क्योंकि गुरूवार को सदन के कार्यक्रम की सूची में विधेयक पेश करने का कोई जिक्र नहीं था और कार्रवाही शुरू होने के कुछ समय पहले ही इसे सदन के कार्यक्रम में बदलाव कर विधेयक को इसमें डाला गया।
बता दें कि विधेयक को लेकर प्रेम चंद्रन का कहना है कि इस पर बात करने का ये कोई सही वक्त नहीं है। इसके जवाब में श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि अभी सिर्फ विधेयक पेश किया जा रहा है लेकिन जब इस पर चर्चा की जाएगी तो सदस्यों को पूरा वक्त दिया जाएगा इसपर बोलने के लिए। दत्तात्रेय का कहना है कि ये विधेयक पूरी तरह से मजदूरों के ही हित में है। इसके बाद उन्होंने कहा कि हम पहली बार ऐसा करने जा रहे हैं जिसमें न्यूनतम वेतन के एकसमान किया जा रहा है। इसके अदंर उन मजदूरों को भीन्यूनतम वोतन मिल सकेगा जो असंगठित क्षेत्रों में मजदूरी करते हैं।