जयपुर। उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड के अवैध बूचड़खानों पर की गई कार्रवाई के बाद अब राजस्थान में भी इस प्रकार की सख्त कार्रवाई की मांग उठने लगी है। राजस्थान विधानसभा में भी अवैध बूचड़खानों को बंद करने की मांग गूंज रही है।
इन मांगों को देखते हुए जयपुर नगर निगम भी एक अप्रेल से राजधानी में अवैध मीट की दुकानें और बूचड़खानों पर ताले लगाने की तैयारी में है। राज्य सरकार पर अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई का दबाव बढ़ता जा रहा है। निगम प्रशासन के अनुसार एक अप्रैल को जयपुर नगर निगम अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई शुरू करेगा। लेकिन प्रदेश भर में इनके खिलाफ कार्यवाही कब शुरू होगी।
इस बारे में अभी स्पष्ट नहीं है। निगम की कार्रवाई में बूचड़खानों, मीट व्यवसायियों और मीट परोसने वाले होटल्स के पंजीकरण जांचे जाएंगे। शहर में करीब 4000 मीट की दुकानें है जिन पर निगम की तलवार लटक सकती है। इनमें से एक हजार के करीब दुकानों के लाइसेंस रिन्यू किए जा चुके हैं लेकिन बाकी दुकानों पर गाज गिरनी तय है।
उधर, मीट व्यापारियों ने भी नगर निगम की ओर से अवैध मीट दुकानों और बूचड़खानों पर होने वाली कार्रवाई के विरोध की तैयारी कर ली है। व्यापारियों के अनुसार निगम में 2016 के बाद कोई लाइसेंस रिन्यू किया ही नहीं। ऐसे में पहले लाइसेंस लेने के लिए समय तो दिया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि करीब दस दिन पूर्व राजधानी के एक होटल हयात रब्बानी में बीफ के नाम पर बवाल हुआ था। इस पर गौ रक्षकों ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद जयपुर नगर निगम की एक टीम भी मौके पर पहुंची और पूरे होटल को सील कर दिया गया।