नई दिल्ली। कांग्रेस ने असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन द्वारा जारी पहली सूची पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इस लिस्ट से असम के नागरिकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। इतना ही नहीं कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया में पूरी तरह से ईमादारी के साथ पारदर्शिता बरती गई है।
उल्लेखनीय है कि रविवार को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन का पहला ड्राफ्ट जारी किया है, जिससे राज्य में रहने वाले कानूनी और गैरकानूनी नागरिकों की पहचान होगी। पहली लिस्ट में 1.9 करोड़ लोगों को वैध नागरिक के रूप में मान्यता दी गई है लेकिन बाकी 1.39 करोड़ का नाम इस लिस्ट में नहीं आया। लिस्ट के जारी होने के बाद प्रदेश में तनाव का माहौल है।
इसी सिलसिले में प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को कहा, ‘असम के नागरिकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। पार्टी नेता और कार्यकर्ता एक भी व्यक्ति का हक़ नहीं छीनने देंगे। पार्टी मांग करती है कि पूरी प्रक्रिया को शांति और सौहार्द के साथ पारदर्शिता के साथ निपटाया जाए।’
दरअसल 80 के दशक में इसे लेकर एक बड़ा छात्र आंदोलन हुआ था जिसके बाद असम गण परिषद और तत्कालीन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बीच समझौता हुआ कि 1971 तक जो भी बांग्लोदशी असम में घुसे उन्हें नागरिकता दी जाएगी और बाकी को निर्वासित किया जाएगा। 2005 में कांग्रेस की असम सरकार ने इस पर काम शुरू किया था।