नई दिल्ली। वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर गत वर्ष नवंबर में जंतर-मंतर पर आत्महत्या करने वाले पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल को एक करोड़ का मुआवजा दिये जाने से संबंधी फाइल उपराज्यपाल अनिल बैजल ने लौटा दी है। इस संबंध में उपराज्यपाल सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि रामकिशन ग्रेवाल दिल्ली के नहीं बल्कि हरियाणा के नागरिक हैं। इसीलिए उन्हें दिल्ली सरकार की नीति के तहत एक करोड़ का मुआवजा नहीं मिल सकता।
मोदी जी के दबाव में रोका गया रामकिशन जी परिवार को सहायता का प्रस्ताव । परदे के पीछे से राजनीती न करें। चुनी हुई सरकार का सम्मान करना सीखें।
— Kapil Mishra (@KapilMishraAAP) March 9, 2017
इस मुददे पर दिल्ली के जल एवं संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि कहा कि जब देश के किसी खिलाड़ी को सम्मान मिल सकता है तो सेना एवं सैनिकों के सम्मान की लड़ाई लड़ने वाले को सम्मान दिये जाने में क्या दिक्कत है। मिश्रा ने सवाल पूछा कि आखिर रामकिशन को एक करोड़ का मुआवजा रुकवाने के पीछे कौन है। जानकारी हो कि सत्ता में आने के बाद दिल्ली की आप सरकार ने दिल्ली के निवासी सैनिक, पुलिस एवं पैरामिलिट्री के जवान की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर उसके परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा देने की पॉलिसी बनायी थी। जिसके तहत ड्यूटी पर मारे गये कई पुलिसकर्मी एवं जवानों के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था।