लखनऊ। सपा सरकार में हुए सियासी उठापटक के बाद एक बार फिर जब शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, तो उन्होने अखिलेश के करीबी 17 कार्यकर्ताओं को उनके पदों से बर्खाश्त कर दिया, ऐसे में अखिलेश समर्थकों ने राजधानी में प्रदर्शन कराना शुरु कर दिया, मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता से अपील की है कि कार्यकर्ता न तो प्रदर्शन करे और न ही अपने पद से इस्तीफा दे। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय नेताजी द्वारा लिए गए फैसले का सम्मान करना पार्टी के प्रत्येक पदाधिकारी और कार्यकर्ता की सर्वोच्च जिम्मेदारी है।
गौरतलब है कि पदाधिकारियों की बर्खाश्तगी के बाद अखिलेश समर्थकों ने खूब प्रदर्शन किए और सपा प्रमुख से अपील किया कि दोबारा इन पदाधिकारियों की बर्खाश्तगी निरस्त की जाए। पार्टी समर्थक बार बार अखिलेश की शक्तिक्षीण हाने का भी मुद्दा रख रहे थेए मामले को गंभीर होता देख मुख्यमंत्री ने आज पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत की। अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य में विधान सभा चुनाव नजदीक हैं। पार्टी के सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के मतदाताओं से नियमित सम्पर्क कायम रखते हुए लोगों को समाजवादी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी दें।
उन्होंने भरोसा जताया कि जनता के समर्थन, समाजवादी सरकार की उपलब्धियों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत से समाजवादी पार्टी आगामी विधान सभा चुनाव में दोबारा जीत हासिल करेगी।
निष्काशन के विरोध में टावर पर चढ़ा कार्यकर्ता- समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव द्वारा किये गए एक्शन का लखनऊ में रिएक्शन भी दिखना शुरू हो गया। शिवपाल द्वारा चारों फ्रंटल के यूथ अध्यक्षों समेत पार्टी के 7 लोगों पर हुई निष्काशन की कार्रवाई के बाद विरोध में सपा वकर्स ने लखनऊ में राजभवन के पास बीएसएनएल टावर पर चढ़कर प्रदर्शन किया। टावर पर चढ़े सपा वर्कर रितेश सिंह और मोनू दुबे ने निष्काषित किये गए नेताओं का निष्काशन वापस करने की मांग कर रहे थे। सपा वर्कर के टावर पर चढ़ने कर निष्कासन करने की मांग की घटना से सपा का सियासी पारा एक बार फिर से चढ़ना तय माना जा रहा है।
(अकील सिद्दीकी, संवाददाता)