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बालाजी का फर्स्ट क्लास क्रिकेट को ‘बाय-बाय’

balaji बालाजी का फर्स्ट क्लास क्रिकेट को ‘बाय-बाय’

नई दिल्ली। पाकिस्तान को 2004 में उसी के घर में नाको चने चबवाने वाले भारत के तेज गेंदबाज लक्ष्मीपति बालाजी ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। पाकिस्तान का यह दौरा टीम और बालाजी के जिए स्वर्णिम समय साबित हुआ। बालाजी ने इंडिया की ओर से आठ टेस्ट, 30 वनडे और पांच टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। उन्होंने करियर में 106 फर्स्ट क्लास मैचों में 12.14 के एवरेज से 1202 रन बनाए और 26.10 के औसत से 330 विकेट झटके हैं।

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पहली बार 18 नवंबर 2002 में वनडे मैच के जरिए वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम इंडिया से जुड़ने वाले बालाजी ने अपने शुरुआती दौर में टीम में विश्वसनीय स्थान प्राप्त किया। हालांकि उनका क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर चोट के कारण काफी प्रभावित रहा जिस कारण वह लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल पाए। इंडिया के लिए वह सिर्फ 8 टेस्ट मैच ही खेल सके। इसके अलावा उन्होंने 30 वनडे और 5 टी-20 मैच भी खेले हैं। उनके छोटे से करियर का सबसे नायाब समय वह था जब बालाजी 2004 में टीम इंडिया के साथ पाकिस्तान के दौरे पर गए जहां वह अपनी शानदार गेंदबाजी और मुस्कान के कारण काफी लोकप्रिय हो गए थे। इसके अगले साल 2005 में पाकिस्तान के ही खिलाफ खेला गया टेस्ट मैच उनके करियर का अंतिम टेस्ट मैच बना।

पाकिस्तान टूर पर इंजमाम उल हक से जुड़ी एक घटना को याद करते हुए बालाजी ने कहा, ‘मैंने आउटस्विंगर डाली और इंजमाम उसे समझ नहीं सके। मैं उस पल को कभी नहीं भूल सकता क्योंकि हमने पहली बार पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज जीती थी।क्रिकेट से रिटायरमेंट के बारे में बताते हुए बालाजी ने कहा मुझे आगे बढ़ना है, मेरा परिवार है और इससे मुझे उनके साथ समय बिताने का मौका मिलेगा। मैंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट को 16 साल दिए हैं, लेकिन मैं आईपीएल और टीएनपीएल में खेलना जारी रखूंगा।साथ ही वे तमिलनाडु टीम के बॉलिंग कोच भी बने रहेंगे।

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