नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती के राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफे के बाद ये चर्चा होने लगी कि अगर मायावती का इस्तीफा मंजूर हो गया तो मायावती राज्यसभा कैसे जाएंगी। इसी बीच लालू ने अपने परिवार की परेशानियों को अलग रख मायावती को राज्यसभा भेजने का ऑफर दिया है। लालू ने कहा कि अगर माया चाहे तो बिहार से राज्यसभा जा सकती हैं। हालांकि अभी तक मायावती का इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है। मायावती के इस्तीफे को लेकर तकनीकी रूप से माना जा रहा है कि सभापति ये इस्तीफा मंजूर नहीं करेंगे। इस्तीफा मंजूर होने से पहले ही मायावती को लेकर पक्ष और विपक्ष में गोलबंदी शुरू हो गई है।
बता दें कि लालू ने मायावती का समर्थन करते हुए कहा कि माया सदन में सिर्फ दलितों के लिए आवाज उठा रही थी जिस पर बीजेपी के नेताओं ने उन्हें अपनी बात नहीं कहने दी। लालू ने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि माया एक दलित नेता है और उनको सदन में दलितों की बात नहीं करने दी गई। इस पर लालू ने माया को ऑफर देते हुए कहा कि अगर वो सहमत हो तो वो हमारी पार्टी के कोटे से राज्यसभा की सदस्य बन सकती हैं।
दरअसल, बसपा की सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का राज्यसभा में कार्यकाल अप्रैल 2018 में खत्म हो रहा है। प्रदेश की विधानसभा में पार्टी के पास इतने आंकड़े नहीं हैं कि 2018 में वह एक बार फिर राज्यसभा में पहुंच सके। मुख्य रूप यूपी की राजनीति करने वाली मायावती की पार्टी को 2017 के विधानसभा चुनाव में 403 सीटों में से महज 19 सीटें मिलीं। वहीं उससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी में बीएसपी खाता भी नहीं खोल पाई थी। यही वजह है कि लालू यादव ने उन्हें अपनी पार्टी से राज्यसभा भेजने का ऑफर दिया है
हालांकि, अभी तक मायावती का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। जिसकी एक वजह ये भी कि उन्होंने तीन पन्नों का त्यागपत्र सौंपा है, जो नियमों के खिलाफ है। ऐसे में फिलहाल उनका इस्तीफा मंजूर होना मुमकिन नहीं है।