बिहार। बिहार में इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है। बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद उनकी बर्खास्तगी की मांग तेज हो गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा तेजस्वी यादव को अल्टीमेटम देने के बाद इसपर सियासत और भी ज्यादा तेज हो गई है। ऐसे में सूत्रों के मुताबिक जानकारी यह है कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद तेजस्वी यादव इस्तीफा दे सकते हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि या जैसे ही राष्ट्रपति चुनाव होंगे, उसके बाद बिहार की सियासत एक अलग ही मोड में आ जाएगी।
तेजस्वी यादव का आरोपों में घिरने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रासद यादव के बीच में खासा तनाव देखा जा रहा है। लेकिन अब देखना यह है कि गठबंधन का तीसरा पहलू कांग्रेस इसमें क्या करती है। जदयू और राजद के बीच में खड़ी हुई कांग्रेस पार्टी द्वारा इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के इस्तीफे पर अब कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि महागठबंध ने चल रही तनातनी को सुलझाने के लिए एक नया तरीका अपनाया है। वही अगर तेजस्वी यादव द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिया जाता है तो आरजेडी से सभी विधायक इस्तीफा दे सकते हैं। लेकिन सरकार को बाहर से समर्थन देना जारी रहेगा। खबरें आ रही है कि लालू यादव इस गठबंधन को बचाने के लिए कोई भी दाव खेल सकते हैं इसलिए तेजस्वी यादव अपना इस्तीफा दे सकते हैं।
रविवार को नीतीश कुमार ने जेडीयू विधायक दल की बैठक बुलाई है। बैठक के बाद तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू की तरफ से तेजस्वी यादव को इस्तीफा देने के लिए चार दिन का अल्टीमेटम दिया था और यह अल्टीमेटम खत्म होने के बाद ना तो तेजस्वी यादव को कोई बयान सामने आया है और ना ही संबंधित मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से कोई बयान सामने आया है।
ऐसे में लालू प्रसाद यादव तेजस्वी यादव का इस्तीफा ना देने पर अड़े हुए हैं लेकिन जानकारी है कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव का इस्तीफा देने का मन बना लिया है। वही नीतीश कुमार ने कांग्रेस को यह साफ कर दिया है कि या तो तेजस्वी यादव इस्तीफा दे या फिर वह बर्खास्तगी के लिए तैयार रहे। ऐसे में कांग्रेस पर बिहार में इस महागठबंधन को बचाने के जिम्मेदारी आ गई है। वही जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात कहते हैं ऐसे में अगर उन्हें इस पर कायम रहना है तो कोई बड़ा फैसला लेना होगा।