नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों में चुनावी सरगर्मी अब अपने चरम पर है। एक तरफ चुनाव और दूसरी तरफ साल 2017 का बजट सत्र। इन दोनों में आपसी सामंजस्य बैठाना केंद्र सरकार के लिए चुनौतियों से भरा हुआ है। सरकार की तरफ से आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाना है। गौर करें तो इस बार का बजट कई मायनों से पहले से अलग हो सकता है। आगामी बजट मे रेल बजट साथ में पेश होना है, यहां आपको बता दें कि इस बार 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट को लेकर विपक्ष हले ही सरकार पर निशाना साधता रहा है, ऐसे में सरकार पर कई विषयों को लेकर ध्यान बना रहेगा।
आगामी बजट को लेकर पूरा देश निगाहें लगाए बैठा हुआ है। आगामी बजट को लेकर सरकारी कर्मचारियों, आम नागरिकां की खास उम्मीद बनी हुई है, लोगों को उम्मीद है सरकार इस बार के बजट में जनता के जेब का पूरा ख्याल रखेगी। ऐस भी कयास है कि कई ऐसे मुद्दे हैं जिनपर सरकार लोगों को छूट भी देने का विचार कर रही है। यहां पर गौरतलब है कि पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले इस बजट को पेश किया जा रहा है, ऐसे में सरकार की कोशिश रहेगी कि जनता को ज्यादा निराश ना किया जाए।
क्या है सरकारी कर्मचारियों की इस बजट से उम्मीद-
मंगलवार को पेश होने वाले आम बजट को लेकर सरकारी कर्मचारियों को खासा उम्मीद है। भारत खबर ने बजट को लेकर कई कार्यरत और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों से बातचीत की और उनके बजट को लेकर राय जानना चाहा। भारत खबर से बातचीत के दौरान विनोद सिंह (राजस्व विभाग सिद्धार्थनगर) का कहना है कि जिस प्रकार से अब तक केंद्र सरकार ने काम किया है ऐसे में इस बार बजट में आशा है कि सरकार जनता का पूरा ख्याल रखेगी। नोटबंदी के बाद से सरकार का प्रभावी रुख देखने को मिला है, इसे सरकार अपने बजट में भी कायम रखना चाहेगी।
राजवीर श्रीवास्तव (सेवानिवृत्त कलेक्शन अमीन, बस्ती उत्तर प्रदेश) ने भारत खबर से बातचीत के दौरान कहा कि आम जनता को बहुत बड़े-बड़े वायदों से कोई लेना देना नहीं है, उसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी सुगम चाहिए, सरकार से इस बजट में आशा है कि मंहगाई दर को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया जाए, जिसका कि केंद्र सरकार ने वादा भी किया था। आम आदमी को खुशी इसी बात से होगी जब उसके दो जून की रोटी सस्ते से सस्ते कीमतों में मिलेगी।
संजीव शुक्ला (सरकारी कर्मचारी, झांसी) का बजट को लेकर कहना है कि आने वाले बजट में टैक्स का स्लाॅट थोड़ा बढ़ना चाहिए। इसके अलावा उनका कहना है कि उनको आने वाले बजट से काफी उम्मीदें हैं और सरकार को नोटबंदी के बाद राहत देने के बारे में सोचते हुए बजट पेश करना चाहिए। उनका मानना है कि चुनावों का भी बजट पर असर पड़ सकता है।