श्रीनगर/पटना। अपने सीने पर आतंकियों की गोली खाकर देश को बचाने वाले जवानों की शहादत को आज पूरा देश सलाम कर रहा है…और हो भी क्यूं ना आखिरकार ये वहीं जवान है जो रात दिन जागकर देश की सुरक्षा करते है और हम और आप चैन की नींद सोते है। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सेना के कैंप पर आतंकी हमले को नाकाम करते हुए सेना ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया तो वहीं 3 जवान भी शहीद गए। लेकिन क्या आपको पता है आतंकियों को मौत के घाट उतारने वाला जवान खुद भी घायल था जब उसने आतंकियों को मार गिराया।
घायल होने के बावजूद आतंकियों को मौत के घाट उतारा:-
इन आतंकियों ने सेना के कैंप पर अंधेरा का फायदा उठाते हुए सुबह करीबन 5:15 पर हमला किया। ये एक आत्मघाती हमला था जिसमें सेना के तीन जवान शहीद हो गए। इनमें कैप्टन आयुष यादव, राजस्थान के सूबेदार भूपसिंह और आंध्रप्रदेश के वेंकन रमन्ना शामिल हैं। इसके साथ ही घायल 6 जावनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है जिसमें से एक वहीं जवान है जिसने घायल होने के बावजूद दोनों आतंकियों को ढेर कर दिया था। इस जवान का नाम ऋषि कुमार संतरी है और ये बिहार के भोजपुर का रहने वाला है।
सिर पर लगी थी गोली:-
जिस समय ये आतंकी हमला हुआ ऋषि ड्यूटी पर तैनात थे और उन्होंने देखा की आतंकी उनकी ओर आ रहे हैं। पहले उन्होंने आतंकियों को अपने पास आने दिया फिर फायरिंग शुर कर दी। हालांकि ऋषि के एक गोली सिर पर लगी लेकिन बुलेट प्रूफ की वजह से वो बच गए और जख्मी नहीं हुए। पर नीचे गिर पड़े। उसके बाद वो फौरन उठे और दोनों आतंकियों को गोलियों से भून डाला। ये सब करते हुए उनकी गोलियां खत्म हो गई। फिर ये जांबाज जवान बंकर से बाहर आए और मारे गए आतंकी हथियार उठाकर तीसरे आतंकी को लपेटे में ले लिया। लेकिन तब तक उनके पैर में गोली लग चुकी थी और मौके का फायदा उठाकर आतंकी भागने में कामयाब हो गया था।
(शिप्रा सक्सेना)