नई दिल्ली। 26 मई 2014 आज के दिन भारत की राजनीतिक के इतिहास का सबसे बड़ा दिन था क्योंकि 30 सालों बाद केन्द्र में कोई पूर्ण बहुमत की सरकार अपने प्रचंड बहुमत के साथ काबिज हो रही थी। आजाद भारत में पहली बार केन्द्र सरकार को इतना प्रचंड बहुमत मिला था। देश के प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र दामोदरदास मोदी ने शपथ ली । इसके बाद अपने विजन और नीति पर देश की कमान अपने हाथों में लेकर काल के कपाल पर इतिहास लिखने निकल पड़े।
खुद भारतीय जनता पार्टी ने इस तरह के प्रचंड बहुमत को लेकर कभी सोचा भी ना था कि गुजरात के मुख्यमंत्री से मोदी देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी का सफर इस तरह की अपार सफलता के साथ तय करेंगे। पहले मोदी केवल गुजरात तक ही सीमित थे। लेकिन 2014 के आम चुनाव में मिली अपार जीत के साथ मोदी की सफलता का ग्राफ इस कदर बढ़ा है कि अब मोदी इस ग्राफ से नीचे आते नहीं दिख रहे हैं।
क्या थे विजन मोदी सरकार के
देश में बदलाव की जिस आंधी ने गुजरात की सत्ता से केन्द्र में दिल्ली की सत्ता का सफर तय कर मोदी को प्रधान मंत्री के तौर पर बैठाया वो बदलाव था एक नयी सोच का एक नये विजन का भारत के नव निर्माण का जो कि मोदी की ओर से लगातार जनता के सामने एक सुपर माडल के तौर पर दिखाया गया था। मोदी की नीतियां भी भी माडल के तौर पर सामने आने लगी थी।