नई दिल्ली। बीती शनिवार की शाम को मुजफ्फरनगर के खतौली इलाके में हुई ट्रेन दुर्घटना की अभी तक हुई प्रथम जांच और इसके बाद आये सबूतों और आडियो के बाद अब तक ये मामला कुछ हद तक साफ होता जा रहा है। इस मामले में अभी ये बात सामने आई है कि ट्रैक पर मरम्मत के काम के लिए पटरियों को खोला गया था। जिसके बाद इसे ठीक नहीं किया जा सकता। इसके पहले ट्रैक पर ट्रेन दौड़ गई । जिसके चलते ये हादसा हो गया।
इस बात का खुलासा गेटमैन और खलासी के बीच हुई फोन की बातचीत के एक वीडियो के वायरल होने और एसटीएफ और एटीएस की जांच के बाद भी हुआ है। जहां पर गहन जांच टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई थी। जिसने साफ किया था कि घटना स्थल से उसे ट्रैक को खोलने के समान और औजार मिले हैं। फिलहाल इस पूरे मामले में अभी विभागीय कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने मामले की गंभीरता देखते हुए इस घटना के विषय में रविवार शाम तक दोषियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए सख्त तौर पर रेलवे के चैयरमेन को निर्देशित कर दिया है। इसके साथ ही इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने की बात कही है। रेलमंत्री ने साफ कर दिया है कि दोषियों के खिलाफ विभाग सख्त कार्रवाई करेगा। इस मामले में जीआरपी ने एक एफआईआर भी दर्ज कर ली है। ट्रैक पर हुई लापरवाही के चलते गई जानों को लेकर विभाग अब सख्त रूख में दिख रहा है।
इस हादसे में तकरीबन 23 लोगों की मौत हो गई है। इसके साथ ही 156 लोगों के घायल होने की भी खबर है। हादसे के बाद से एनडीआरएफ और प्रशासन की टीमें लगातार ट्रैक को दुरूस्त करने में लगी हुई हैं। हादसे में ट्रेन के 13 डिब्बे उतर गए थे। इन डिब्बों के उतरने से ट्रैक पूरी तरह से अव्यवस्थित हो गया है। जिसके चलते कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही कई ट्रेनों के रूट बदल दिए गए हैं।