नई दिल्ली। डीडीसीए मामले में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के क्रास एग्जामिनेशन के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी द्वारा जेटली को क्रूक कहे जाने के खिलाफ जेटली द्वारा दायर मानहानि मामले में आज केजरीवाल के वकील ने हाईकोर्ट से जवाब देने के लिए समय की मांग की। जस्टिस मनमोहन की बेंच ने केजरीवाल को 24 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। पिछले 23 मई को जेटली की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविन्द केजरीवाल को नोटिस जारी किया था। जेटली ने केजरीवाल के खिलाफ दस करोड़ की मानहानि का केस दायर किया है।
आपको बता दें कि पिछले 17 मई को दिल्ली हाईकोर्ट में जेटली के क्रास एग्जामिनेशन के दौरान राम जेठमलानी ने केजरीवाल के खिलाफ क्रूक शब्द का इस्तेमाल किया था जिसके बाद कोर्ट में दोनों पक्षों में काफी कहासुनी हुई थी । हाईकोर्ट ने भी इस पर एतराज जताते हुए केजरीवाल को समन किया था और ये पूछा था कि क्या आपके निर्देश पर जेठमलानी ने जेटली को क्रूक कहा था।
वहीं 17 मई को जेठमलानी एक अंग्रेजी अखबार में लिखे अपने आलेख को लेकर जेटली से सवाल पूछ रहे थे। जेठमलानी ने कहा कि जेटली के कहने पर एक पत्रिका ने उनका आलेख नहीं छापा। ये आलेख डीडीसीए में भ्रष्टाचार के बारे में था। उनके सवाल करने के दौरान जेटली के वकील राजीव नय्यर ने काफी टोकाटोकी की जिसके बाद राम जेठमलानी भड़क गए। उन्होंने कहा कि आप बार-बार टोककर हमें रोक रहे हैं। राजीव नय्यर ने कहा कि आप हमें बेइज्जत मत कीजिए । ये अंतिम मौका है जब आप हमें बेइज्जत कर रहे हैं ।
इतना ही नहीं जेटली ने भी अपना धैर्य खो दिया और कहा कि व्यक्तिगत द्वेष की भी एक सीमा होती है । राजीव नय्यर ने कहा कि आप टेबल को बजाना बंद कीजिए हमने इस तरह का व्यवहार नहीं देखा है । राम जेठमलानी ने कहा कि जेटली लोगों को ठगने के दोषी हैं और अपने अपराध को छिपाया है । इसके बाद जेटली ने कोर्ट से पूछा कि क्या जेठमलानी जो भी कह रहे हैं अपने मुवक्किलों के निर्देश पर कह रहे हैं और अगर ऐसा है तो हम अपने आरोपों को और बढ़ाएंगे।