नई दिल्ली। वाटर टैंकर घोटाला में जांच चल रही हैं जो कि अब अरविन्द केजरीवाल के दफ्तर तक पहुंच गई हैं। बुधवार को एंटी करप्शन ब्रांच ने अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार से करीब साढ़े 3 घंटे तक पूछताछ की। बिभव कुमार पर दिल्ली सरकार के पूर्व जलमंत्री कपिल मिश्रा ने वाटर टैंकर घोटाले की फ़ाइल 11 महीने तक दबाने का आरोप लगाया था।
केजरीवाल की सरकार ने जुलाई 2015 में 5 लोगों की कमेटी बिठाकर इस मामले की चांज बिठाई थी। कमेटी ने उसी साल अगस्त में केजरावाल को रिपोर्ट सौंप दी थी जिसमें कहा गया कि शीला दीक्षित सरकार ने स्टील के वाटर टैंकर लेने और उनमें जीपीएस लगवाने का 400 करोड़ से ज्यादा का घोटाला किया हैं।
रिपोर्ट आने के बाद भी अरविंद केजरीवाल सरकार ने एसीबी को इस मामले की जांच के आदेश करीब 11 महीने बाद दिए। एसीबी भी केजरीवाल पर फाइल दबाने का आरोप लगा चुकी है।