नई दिल्ली। व्रत उपवास की परम्परा प्राचीन भारतीय काल से ही हमारे देश में रही है। इस परम्परा का पालन करने के लिए हमने इस उत्सव और त्यौहारों से भी जोड़कर इसका महत्व बढ़ा दिया है। व्रत के दौरान उपवास कर हम शरीर के आर्गन को आराम करने का मौका देने के साथ अपनी बढ़ती उम्र में बिमारियों के खतरे को कम करने का एक सार्थक प्रयास कर पाते हैं। डॉक्टर्स की माने तो वो भी इस बारे में एक सलाह देते हैं कि हमें महीने में एक दिन उपवास या व्रत या फिर ऐसी डायट लेनी चाहिए जिससे हमारे आर्गन को उसे पचाने में कम मेहनत करनी पड़ी और हमारे आर्गनों को ज्यादा से ज्यादा आराम मिले।
व्रत और उपवास के कई फायदे होते हैं जैसे हमें उम्र के साथ जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं हमारी याद्दाश्त कमजोर हो जाती है।दिमाग की क्षमता बढ़ाने के लिए व्रत या महीने में एक दिन बहुत लाभदायक होता है। इससे हमारे मस्तिष्क में ब्रेन डिराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर नाम के एक प्रोटीन को बढ़ाया जा सकता है। ये हमारे दिमाग को नियंत्रित करने के साथ उसे शांत और स्वस्थ रखता है। इसके साथ ही व्रत और उपवास से हमारे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत हो जाता है। इसके मजबूत होने की वजह से हमारे शरीर को बिमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है।
इसके साथ ही व्रत से न्यूरॉल्जिया,कोलाइटिस,थकान के साथ कब्ज और माइग्रेन के खतरे से बचा जा सकता है। व्रत और उपवास का हमारे शरीर के हर आर्गन पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। व्रत के कारण हमारा पाचन तंत्र और पाचन क्रिया काफी दुरुस्त हो जाती है। इसके चलते लीवर को और हमारी आंतों को आराम मिलता है। इसके साथ ही व्रत के कारण हमारे शरीर में बढ़े एक्सट्रा फैट को कम करने में हमें बड़ी राहत मिलती है। इसके साथ ही मानसिक तनाव,चिंता और अवसाद से ही व्रत के कारण बचा जा सकता है।