मेरठ। अनेकता में ही एकता है, समाज में इस सन्देश को देने वालों की अभी कमी नहीं है, जहां एक तरह नेता जातबिरादरी का जहर घोलकर लोगों को लड़वाने में लगे हैं और अपनी राजनीति रोटियां लोगों के खून की आंच पर सकते हैं, तो दूसरी तरफ गंगजी जमनी तहजीब को बढ़ावा देने वालों की अभी देश में कमी नहीं है, ऐसा ही कुछ मेरठ में देखने को मिला, यहां एक इलाका ऐसा है जो की धर्म से मुलिम है। इस्लाम को मानने वाले ये लोग ऐसा काम करते हैं जो काम हिंदू भाइयों के धर्म से जुड़ा हुआ है।
जी हां मेरठ में ये लोग हैं जो की अपने परिवार के साथ पिछले काफी सालों से कांवड़ की समग्री बनाने का काम कर रहे हैं। इनका ये परिवार ही नहीं बल्कि इनके बाप दादा भी इस काम को करते रहे हैं। इन्हें यह काम विरासत में मिला है, जैसे ही कांवड़ यात्रा आती है वैसे ही एक मुस्लिम इलाके के कई परिवार हिन्दू भाइयों के कांवड़ लाने के लिए कांवड़ बनाते हैं, इन कांवड़ को लेकर ही हिन्दू भाई जल लाते हैं। ये परिवार अपना पालन पोषण इसी काम से करते हैं। इनका कहना है कि जिस तरह हिन्दू भाइयों को कांवड़ लेकर पुण्य मिलता है उसी तरह इनको हिन्दू भाइयों के लिए कांवड़ तैयार करने से अच्छा अहसास होता है। ये परिवार कहते हैं कि कोई धर्म किसी को आपस में लड़ना नहीं सिखाता। किसी का बुरा करना नहीं सिखाता। ये तो कुछ लोग हैं जो अपनी राजनीति की रोटियां सेकने के लिए हमें आपस में लड़ाते हैं। इन्होंने कहा कि इंसान का काम इंसान से पड़ता है, अगर सब धर्म जात में बट जाएंगे तो किसी का काम किसी से नहीं चलेगा, और सब गड़बड़ हो जाएगा।
आपको बता दें कि कांवड़ आते ही इनके बच्चे भी कांवड़ बनाने में लग जाते हैं, और साथ ही इनकी महिलाएं भी शिव जी का त्रिशून बनाती हैं। जब इनके घर जाते हैं तो ऐसा नहीं लगता कि ये मुस्लिम लोगों का घर है। इनका घर पूरी तरह कांवड़ की समंग्री से भरा रहता है। और सब जानते है कि इस इलाके में कांवड़ बनता है। लेकिन इसमें एक अच्छी बात ये है कि इसका कोई भी विरोध नहीं करता है