नई दिल्ली। गूगल हर बड़ी शख्सियत और अपने काम में महारथी लोगों को डूडल बनाकर श्रद्धांजलि देता है। इसी तर्ज पर आज गूगल ने अपने डूडल से कथक क्वीन के नाम से मशहूर सितारा देवी को उनके जन्मदिन आठ नवंबर पर श्रद्धांजलि अर्पित की है, जोकि भारत के लिए एक गौरव की बात है। गूगल के डूडल से भारतीय संस्कृति और कला को सम्मान मिला है। दरअसल गूगल ने सितारा देवी के 97वें जन्मदिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। सितारा देवी इतनी जानी मानी कथक नृत्यांगना थी के कथक का नाम सुनते ही उनका नृत्य जहन में उतर जाता है।
सितारा देवी ने अपनी कला के जरिए जो सफलता हासिल की है वो अतुल्य है। सितारा जी ने कथक के शिखर तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत और लगन से काम किया था। उन्होंने सिर्फ 16 साल की बाली उम्र में ही कथक की दुनिया में कदम रख दिया था। उनका नृत्य देखकर ही गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगौर ने उन्हें कथक क्वीन के नाम से नवाजा था, जिसके बाद वो भारत और विश्व में कथक क्वीन के नाम से प्रसिद्ध हो गई।
सितारा जी को उनकी अपनी कला के लिए साल 1970 में पद्मश्री और साल 1994 में कालिदास सम्मान से नवाजा गया था। सितारा देवी के नृत्य को देखकर बॉलीवुड तक उनका कायल हो गया था, बॉलीवुड की कई जानी-मानी हस्तियों ने उनसे नृत्य के गुर सिखे थे। सितारा देवी से नृत्य सिखकर इन अदाकारों की अदाकारी और भी ज्यादा निखर गई थी। उनसे नृत्य सीखने वालो में शामिल है, मधुबाला, रेखा, माला सिन्हा और काजोल , जिन्होंने अपने-अपने समय में अपनी अदाकारी और नृत्य के जरिए दर्शकों का मन मोह लिया था।
सितारा देवी की बात करें तो इनका जन्म ब्रिटिश काल के कोलकाता में 8 नवंबर 1920 को हुआ था। उनके जन्म के कुछ साल बात उनके माता-पिता ने उन्हें नौकरानी को दे दिया था, क्योंकि उनका मुंह थोड़ा टेढ़ा था। बाद में नौकरानी ने सितारा देवी की खूब सेवा कर उनका मुंह सिधा करके उन्हें उनके माता-पिता को वापस लौटा दिया था। धनतेरस के दिवस पैदा होने के चलते इनका बचपन में घर का नाम धन्नो रख दिया गया था। सितारा देवी लंबी बिमारी के बाद 94 वर्ष की आयु में 25 नवंबर 2014 को इस दुनिया से रुक्सत हो गई।