नई दिल्ली। साल 2014 में हुए जज लोया की मौत को लेकर एक खुलासा हुआ है। लोया के बेटे के बाद अब पोरस्मार्टम की रिपोर्ट में भी सामने आ गया है कि लोया की मौत साजिश के तहत नहीं हुई थी, बल्कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। वहीं लोया की मौत के मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा इस मामले से पीछे हट गए हैं। उन्होंने लोया मामले में दिए आदेश में लिखा है कि मामले को उचित पीठ में लगाया जाए। उनका सीधे तौर पर ये कहना है कि ये मामला अब उनके समक्ष नहीं आएगा। इससे पहले मंगलवार को हुई सुनवाई में विशेष सीबीऐआई जज लोया कि मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वो याचिकाकर्ताओं को सभी दस्तावेज दे।
यह आदेश देकर जस्टिस अरुण कुमार मिश्र और एम शान्तनागोडेर की पीठ ने कहा कि कि सुनवाई 10 दिन बाद होगी। यह पीठ वरिष्ठता में दसवें नंबर पर है। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान मंगलवार को पीठ ने कहा मामला गंभीर है याचिकाकर्ताओं को सब कुछ पता होना चाहिए। राज्य सरकार की और से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिश साल्वे पेश हुए। वह सील कवर में जज की मौत में हुई जांच से जुड़े दस्तावेज लाए थे। पीठ ने कहा याचिकाकर्ता ये दस्तावेज किसी के साथ साझा नहीं करेंगे।यह केस सुप्रीम कोर्ट के जजों में विवाद का केंद्र बन गया था, शुक्रवार को प्रेस कान्फ्रेंस करने वाले चारों वरिष्ठ जजों ने कहा था कि उन्हे यह केस जूनियर बेंच को देने पर एतराज था लेकिन सीजेआई ने उनकी बात नहीं मानी।
इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे देश को चकित कर दिया था। जज लोया गैंगस्टर सोहराबुद्दीन की फर्जी मुठभेड़ के मामले का ट्रायल देख रहे थे। इस मामले मे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अभियुक्त थे। लोया कि दिल का दौरा पड़ने से एक दिसंबर 2014 को मौत हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला कांग्रेस नेता तहसीन पुनवाला और एक स्थानीय पत्रकार ने दायर किया है।