भागलपुर। बिहार के भागलपुर जिले में स्थिल कृषि विश्वविद्यालय में हेरा-फेरी करने के आरोप में फसे विधायक मेवा लाल चौधरी को जनता दल यूनाइटेड ( जदयू ) ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने बताया की विधआनसभा सत्र से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सहयोगियों से विचार-विमर्श करने के बाद यह फैसला लिया है।
गौरतलब है की जदयू विधायक मेवालाल पर गलत तरीके से कृषि विद्यालय में बहाली करने का आरोप लगा है। इस मामले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा की राजभवन के निर्देश के बाद उच्च न्यायालय के सेवानिव्त न्यायाधीश महफूज आलम की समिति ने जांच के बाद इस हेरा-फेरी को प्रमाणित करते हुए बताया की मेवालाल ने सहायक प्रध्यापको और सह जूनियर वैज्ञानिकों की बहाली में हेरा-फेरी के प्रमाण मिले है।
आपको बता दें की मेवालाल चौधरी विवि के पूर्व कुलपति भी रह चुके है और वर्तमान में वो मुंगेर जिले के तारापुर विधानसभा सीट से जदयू विधायक है। मेवालाल के खिलाफ यह केस राज्यपाल रामनाथ कोविंद के आदेश पर कुलपति डॉ. अजय कुमार ने किया था। मामले के तहतमेवा लाल पर कांड संख्या 35/2017 भादवि की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी, आदि के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले में पूर्व कुलपति और जदयू विधायक ने अपने उपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा की उन्हें राजनीति के तहत फंसाया जा रहा है क्योंकि विश्वविद्यालय नियुक्ति में उनकी कोई भूमिका नहीं है, उसके लिए एक एक्सपर्ट की कमिटी थी जिसने पूरा सेलेक्शन किया था और वो सिर्फ इस कमेटी के अध्यक्ष थे।