नई दिल्ली। जाट आंदोलन के चलते एक बार फिर ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ रहा है। इंदौर से चलने वाली और इंदौर आने वाली कई ट्रेनें निरस्त कर दी गई हैं। निजामुद्दीन, उदयपुर की ओर जाने वाली ट्रेन निरस्त हैं। इसके अलावा मुंबई-रतलाम-फिरोजपुर ट्रेन भी नहीं जाएंगी। ट्रेनों के नहीं चलने से यात्री जहां परेशान हो रहे हैं, वहीं बस वाले मनमाना किराया वसूल रहे हैं।
राजस्थान में जाट आंदोलन फिर शुरू हो गया। जाटों ने कई क्षेत्रों में चक्काजाम कर दिया। आंदोलन के चलते दिल्ली, रतलाम और कई रूटों पर ट्रेनें नहीं चलाई जा रही हैं। इसी प्रकार मुंबई रूट पर भी ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ रहा है।
जाट नेता विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार वास्तव में ओबीसी में जाटों को आरक्षण देने के लिए तैयार है तो उन्हें भरतपुर में आना टाहिए और यह लागू किया जाए लिखित रुप में देना चाहिए।
आज इंदौर निजामुद्दीन-उदयपुर ट्रेन निरस्त कर दी गई। इसके अलावा मुंबई, नागदा, कोटा, शामगढ़, सवाई माधौपुर आदि रूटों की ट्रेनें भी आगे नहीं भेजी जा रही हैं। पश्चिम रेलवे के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यात्रियों के लिए फिलहाल कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। अतिआवश्यक यात्रा के तहत यात्री मनमाने किराया देकर यात्रा करने को मजबूर है।
क्यों हो रहा आंदोलन
राजस्थान में धौलपुर और भरतपुर के जाटो को छोड़कर सभी जिलों के जाटो का आरक्षण मिला हुआ है इन्हें इस आधार पर नहीं मिला था कि इन जिलों मे जाट राजगराना हो रहा है धौलपुर के जाट राजघराने की पूर्व महारानी तो मुख्यमंत्री वसुमधरा राजे हैं। लेकिन धौलपुर के जाटो की संख्या न के बराबर है इसलिए सारा आंदोलन भरतपुर में हो रहा है 2002 में तत्कालीन गहलोत सरकार ने इन जिलों के जाटो को भी राज्य सरकार में आरक्षण दे दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर 2015 में रोक लगा दी।