श्रीनगर। घाटी में कथित तौर पर प्रदर्शनकारी को सेना ने जीप में आगे बांधकर घुमाए जाने वाली घटना पर अब एफआईआर दर्ज की गई है। जानकारी के अनुसार ये एफआईआर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सेना के खिलाफ दर्ज की है।
बता दें कि एफआईआर दर्ज होने के ठीक एक दिन पहले जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सेना अध्यक्ष बिपिन रावत से भी मुलाकात की थी। इस मुलाकात में उन्होंने इस पूरे मामले में जांच करने की अपील की थी।
ये है पूरा वीडियो मामला?
दरअसल श्रीनगर में जारी हिंसा के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया जिस पर बवाल मचा हुआ है। कहा जा रहा है सेना के अधिकारियों ने जांच दल को बताया कि उपचुनाव के दौरान पोलिंग बूथ पर सुरक्षा में लगे आईटीबीपी और स्थानीय पुलिस ने भीड़ से उन्हें बचाने के लिए कल किया क्योंकि भीड़ उन्हें मारने पर ऊतारु थी। कांडीपुरा से सैन्य काफिला पहुंचा और उसने 36 साल के फारुक डार को सैन्य जीप से बांध दिया। इस पूरी घटना का लोगों ने वीडियो बना लिया। जांच के दौरान डार ने बताया कि वोट डालने के बाद वो किसी की मइय्यत में शामिल होने जा रहा था तभी उसे बीच में से उठा लिया गया। वहीं ऐसी भी खबरें आ रही है कि सेना ने पथराव करने वालों के खिलाफ डार को जीप के आगे बांधकर बचने के लिए इस्तेमाल किया।
हालांकि इस वीडियो के सामने आने के बाद सेना के ऊपर भी कई सवालिया निशान खड़े हुए है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक फोटो शेयर की थी जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर रही है।
फोटो को शेयर करते हुए उमर ने लिखा, ‘इस नौजवान को जीप के आगे बांधा गया, ताकि कोई आर्मी पर पथराव न कर सके। ये हैरान करने वाला है।’ गौरतलब है गत 6 अप्रैल को श्रीनगर में उपचुनाव हुए थे, चुनावों में मतदान के दौरान बूथ पर हिंसा की खबरें आई थी। बूथ पर हिंसा होने के कारण सिर्फ 9 फिसदी ही मतदान हो सका था। डर के कारण ना तो लोग घर से निकल पाए और ना ही किसी को निकलने दिया।
जानें जीप के आगे बंधे युवक ने अपनी आपबीती में क्या कहा?