नई दिल्ली। नोटबंदी के विरोध में बिहार में राजद के धरने से कांग्रेस और जनता दल यूनाइटेड ने पहले ही किनारा कर लिया है। लालू के इस आंदोलन में कांग्रेस और जदयू के शामिल न होने के फैसले के बाद बिहार में महागठबंधन के प्रमुख हिस्से राजद की स्थिति प्रदेश में कमजोर पड़ती दिख रही है। प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने एक बयान जारी कर इस बात की सूचना दी की नोटबंदी पर राजद के आज हो रहे धरने में पार्टी शामिल नहीं हो रही है।
कांग्रेस के इस आंदोलन का हिस्सा न बनने के बाद जदयू ने भी इसमें शामिल होने से मना कर दिया है। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी नोटबंदी के मुद्दे पर अपने स्टैंड से पीछे नहीं हटेगी1 उन्होंने कहा कि जदयू 50 दिनों के बाद नोटबंदी के प्रभाव की समीक्षा करेगा 1 उन्होंने कहा कि इसके पहले किसी आंदोलन में शामिल होने का सवाल नहीं उठता । उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कालाधन के खिलाफ नोटबंदी को मजबूत कदम मानते हुए इसका समर्थन किया था। इस बीच कांग्रेस पार्टी नोटबंदी के विरोध में बैठकें भी कर रही है वहीं दूसरी ओर बिहार में नोटबंदी के विरोध में यादव की पार्टी के साथ खड़ा होने के लिये तैयार नहीं है। सतारूढ़ महागठबंधन के घटक दलों के इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अलग अलग राय रखने के कारण गठबंधन में दरार साफ़ दिख रही है|