नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को नाबार्ड सहित बैंकों और वित्तीय सेवा देने वाले संस्थानों से अपना ध्यान असंगठित क्षेत्र पर केन्द्रीत करने को कहा है। उनका मानना है कि इस क्षेत्र धन के प्रवाह से रोजगार सृजन होगा।
नाबार्ड ने अपने 36वें स्थापना दिवस के स्मरणोत्सव को एसएचजी बैंक लिंकेंज कार्यक्रम की रजत जयंती के तौर पर मनाया। इसमें वित्तमंत्री अरूण जेटली मुख्य अतिथि रहे।
उन्होंने कहा कि गैर संगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की संख्या संगठित क्षेत्र में काम करने वालों से कहीं अधिक है लेकिन उन्हें ऋण मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि साधन वित्तीय संस्थाओं और बैंकों के माध्यम से इन क्षेत्रों में भेजें जायें तो इससे रोजगार पैदा करने में सहायता होगी।
उन्होंने कहा कि 25 वर्ष पूर्व बैंक लिंकेंज कार्यक्रम की कल्पना की गई थी। उनके लिए की गई थी जिनके पास इतनी भी क्षमता नहीं थी कि वह अपना कोई साधन या काम शुरू कर पाएं| कुछ संस्थाओं से लेकर शुरू किया गया यह काम आज 85 लाख स्वयं सहायता समूह में बदल गया है।
उन्होंने कहा कि यह लोग आरंभ में छोटा सा काम शुरु करते हैं। कुछ महीनों में जब उनकी अपनी विश्वसनीयता बढ़ती है और तो यह लोग बैंक की दृष्टि करते हैं। इस क्षेत्र में बहुत अधिक मात्रा में महिलाएं काम करती हैं तो एक आत्मविश्वास भी आता है उनके स्वयं में उनकी क्षमता का विकास होता है। आर्थिक क्षमता बढ़ती है और सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह देखा गया है कि जितनी माइक्रो फाइनेंस स्कीम है उनमें भी देखा गया है।
नाबार्ड द्वारा वित्तीय समावेश की अग्रणी पहल स्वयं सहायता समूह बैंक लिंकेंज कार्यक्रम (एसएचजी) इस वर्ष अपनी स्थापना के 25 साल पूरे कर रहा है। एसएचजी नाम के इस कार्यक्रम को स्वयं प्रबंधित संस्थानों के माध्यम से ग्रामीण गरीबों मुख्य रूप से महिलाओं को बचत और ऋण सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार किया गया था।
1992 में अपने शुरूआती चरण के बाद से अब तक एसएचजी ने 10 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को कवर किया है। 31 मार्च, 2017 को बैंक में इन समूहों की 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत राशि थी और इस राशि से दोगुना धन उनके आंतरिक ऋण देने के लिए था। यह कार्यक्रम गरीब महिलाओं के लिये मुख्य धारा की बैंकिंग प्रणाली से सामान्य ब्याज दर पर 61 हजार करोड़ रुपये तक का जमानत मुक्त ऋण उपलब्ध कराने में अधिक प्रभावी है।
इस अवसर पर केंद्र और राज्य सरकारों तथा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा एसएचजी बैंक लिंकेंज कार्यक्रम को विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम बनाने में नाबार्ड के सहयोगी बैंकों, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में नीति निर्माताओं, विचारधारा बनाने वालों, स्वयं सहायता को बढ़ावा देने वाले संस्थानों, बैंकों और इस अवधारणा को अपनाने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया।