मेरठ। सूबे में सत्ता पलट होने के बाद भी पुलिस प्रशासन अपराधों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। जनपद का पुलिस प्रशासन दबंगो की दबंगाई पर तो लगाम लगा नही पा रही है साथ ही निर्देशों पर अपनी दबंगाई दिखाने से भी बाज ही आ रही है। ताजा मामना जनपद मेरठ का है। आपके बता दें कि जनपद मेरठ में वाहन चेकिंग के नाम पर पुलिस सरेआम सड़क पर किस तरह गुंडागर्दी कर रही है इसका नजारा मंगलवार की शाम देखने को मिला। यहां एसएसपी के वाहन चेकिंग अभियान के दौरान हापुड़ अड्डे के पास सिविल लाइंस इंस्पेक्टर धीरज शुक्ला की ड्यूटी लगाई गई थी। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था तभी अचानक चेकिंग करा रहे एक युवक पर इंस्पेक्टर धीरज शुक्ला ऐसे टूट पड़े जैसे वह कोई अपराधी हो। बताया जा रहा है कि फिर उस युवक को उसकी बाइक से खींचकर बुरी तरह पीटा गया उसे लात घूंसे मारे गए और उसको जमीन पर गिराकर पैरों से कुचला भी गया।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो युवक चौराहे से बाजार की ओर जा रहा था तभी चेकिंग पर इंस्पेक्टर ने उसे रोक कर उसकी बाइक की चाबी निकाली और उसका कॉलर पकड़कर उससे दुर्व्यवहार करने लगे। उसकी पिटाई के बाद उससे बाइक के कागज मांगे गए। युवक ने बाइक के कागज दिखाएं जिससे संतुष्ट होने के बाद इंस्पेक्टर ने उसे छोड़ दिया। सवाल यह है के एसएसपी मंजिल सैनी जिले में बदमाशों की धरपकड़ के लिए वाहनों की चेकिंग करा रहीं है या ऐसे में बेगुनाह शहरी पुलिस को थर्ड डिग्री का निशाना बना रही हैं।
आपको बता दें इंस्पेक्टर धीरज शुक्ला वही है जिन्होंने कुछ महीने पहले लालकुर्ती थाने में तैनाती के दौरान एक अखबार के फोटोग्राफर को फोटो खींचने पर हवालात में डाल दिया था और उसकी बेरहमी से पिटाई भी की थी। लेकिन भाजपा के नेताओं पर उनका बस नहीं चलता। मेरठ के भाजपा नेता लक्ष्मीकांत बाजपेई ने इन्हीं इंस्पेक्टर धीरज शुक्ला को इन्ही के ऑफिस में पीटने की धमकी दी थी लेकिन भाजपा नेताओं के सामने इस इंस्पेक्टर की दिलेरी धरी की धरी रह गई। एसएसपी मंजिल सैनी ने हाल ही में इंस्पेक्टर धीरज शुक्ला को सिविल लाइंस थाने का प्रभारी निरीक्षक नियुक्त किया है। लेकिन सवाल यह है जिस अधिकारी का व्यवहार सड़क पर गुंडागर्दी वाला हो क्या उसे थाने की तैनाती दी जा सकती है?