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आधार कार्ड की सुरक्षा में लगी सेंध, 500 रुपये में उपलब्ध करवाई जा रही आधार की जानकारी

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार आधार के जरिए हम सब के मोबाइल नंबर, अकाउंट यहां तक की फेसबुक को भी सुरक्षित करने का दावा कर रही है, लेकिन अगर आपका आधार कार्ड ही सुरक्षित न रहे तो। जी हां आधार कार्ड की सुरक्षा को लेकर एक खबर सामने आ रही है, जिसको लेकर ये कहा जा रहा है कि हमारा आधार डाटा सुरक्षित नहीं है। खबरों के मुताबिक अगर आपको आधार डेटा चाहिए तो बस पेटीएम के माध्यम से 500 रुपये देना होगा और 10 मिनट के अंदर आपको आधार किसी के भी आधार कार्ड की जानकारियां मिल जाएगी। बताया जा रहा है कि एक रैकेट है जो कि गेटवे नाम के माध्यम से आपको लॉग इन और पासवर्ड देगा, इसके बाद आप किसी का भी आधार नंबर उसपर डालिए और आपको उस नंबर पर उपलब्ध सारी जानकारियां मिल जाएगी।

पिन कोड से लेकर मोबाइल नंबर और आपकी मेल आईडी तक और इसकी कीमत आपको चुकानी होगी सिर्फ 500 रुपए। ये रैकेट इतना आगे निकल चुका है कि आपको ये सिर्फ जानकारियां ही नहीं देगा, बल्कि किसी का भी आधार आप प्रिंट करा सकते हैं, जिसके लिए आपको 300 रुपये देने होंगे। इन खबरो से ये बात साफ हो गई है हम लोगों का आधार कार्ड सुरक्षित नही है। इन खबरों को यूआईडीएआई ने गंभीर मामला बताया है और ये स्वीकार किया है कि ये देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। यूआईडीएआई के चंडीगढ़ सेंटर के एडिशनल डायरेक्टर जनरल संजय जिंदल ने कहा कि पंजाब में मेरे अलावा और डायरेक्टर जनरल के अलावा किसी के पास भी लॉग इन आईडी और पासवर्ड नहीं है।  how to apply for Aadhar आधार कार्ड की सुरक्षा में लगी सेंध, 500 रुपये में उपलब्ध करवाई जा रही आधार की जानकारी

 

उन्होंने कहा कि वो इस मामले को जल्द से बेंगलुरु स्थित यूआईडीएआई के टेक्निकल टीम के पास ले जाएंगे। इस पूरे मामले में जो जानकारी आई है वो चौंकाने वाली है क्योंकि 6 महीने पहले एक लगभग तीन लाख विलेज लेवल एंटरप्राइज को टारगेट कर वॉट्सएप ग्रुप बना था।  मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के कॉमन सर्विस सेंटर स्किम के अंदर ये वीएलई आधार कार्ड बनाने का और उसमें बदलाव का काम करते हैं।  ऐसा माना जा रहा है कि लगभग एक लाख वीएलई के पास अवैध तरीके से लॉग इन और पासवर्ड उपलब्ध है और इनके ही माध्यम से ये सब काम हो रहा है।

ऐसा लग रहा है कि हैकर्स ने राजस्थान सरकार की बेवसाइट को भी हैक कर लिया था जहां से आधार को प्रिंट कराने का सॉफ्टवेयर उन्हें हासिल हुआ। इस बात की अभी पूरी सच्चाई सामने नहीं आई है कि जिस वेबसाइट से प्रिंट करने का सॉफ्टवेयर लिया गया है वह राजस्थान सरकार की है या उस पर बरगलाने के लिए ऐसा लिखा गया है। आधार डाटा लीक होने से यह साबित हो रहा है कि निजता को सुरक्षित रखने में यह फेल हो गया है।

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