इलाहबाद। सबके दिलों की धड़कन कहे जाने वाले बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का क्रेज आज भी लोगों पर बरकरार है। लोग आज भी उनकी एक छलक के लिए तरसे हैं। ऐसा ही एक दौर उस वक्त था जब अपने सबसे करीबी दोस्त राजीव गांधी के कहने पर चुनाव मैदान में उतरे थे। उस वक्त इलाहबाद में कई रिकॉर्ड टूटे थे। दरअसल उस वक्त अमिताभ को वोट तो काफी मिले लेकिन लोगों में उनके क्रेज की वजह से कुछ वोट कैंसिल कर दिए गए। क्योंकि महिलाओं ने मोहर की जगह लिपस्टिक के ठप्पे लगाकर वोट दिए थे। जिसकी वजह से काउंटिंग के वक्त करीब 4000 वोट कैंसिल कर दिए गए।
बता दें कि उस चुनाव में खास बात ये थी कि कई पोलिंग स्टेशन पर 95 से 100% तक वोटिंग की गई। उस वक्त चुनाव आयोग ने कहा था कि क्या कोई बिमार नहीं पड़ा। जिस पर चुनाव आयोग का कहना था कि अगर देश में कहीं भी 100% वोटिंग होती है तो चुनाव रद्द कर दिया जाएगा। लोगों में अमिताभ का इतना क्रेज था कि उनकी दिवानगी में रात 10 बजे तक वोटिंग होती रही और पोलिंग पार्टी 10 बजे के बाद वहां से गई। इलेक्शन कैंपेन के दौरान एक व्यापारी ने उनका जूता गायब कर दिया। वो व्यापारी बड़े गर्व से बताते थे कि उन्होंने उस जूते को अपने घर में सजा कर रखा हुआ है। उस घटना के बाद जब भी अमिताभ सभा में जाते तो किसी को जूतों की निगरानी के लिए खड़ा करके जाते थे।
वहीं अपने चुनावी दौर के लेकर अमिताभ का कहना है कि राजनीति में अपने प्रवेश को एक भूल मानते हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था वो ये भूल दोबारा कभी नहीं दोहराएंगे। 1984 में इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी, लेकिन उन्होंने 3 साल बाद ही सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया था। अमिताभ ने आगे कहा कि मैं भावनाओं में बहकर उस क्षेत्र में गया, लेकिन बाद में मुझे अहसास हुआ कि राजनीतिक अखाड़े की वास्तविकता, भावनाओं से बहुत अलग है। इसलिए मैंने राजनीति छोड़ दी। मैंने दोबारा कभी राजनीति में वापस जाने की बात नहीं सोची।