इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में होने वाले छात्र संघ चुनावों पर राज्य सरकार का हथौड़ा चल गया है। बता दें कि रविवार को शहर के कॉलेजों में छात्र संघ के चुनाव होने थे, लेकिन इन पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी है। वहीं राज्य सरकार के इस फैसले के बाद छात्र नेताओं में रोष साफतौर पर देखा जा रहा है। रोक के बाद भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परीषद के छात्राओं ने विरोध स्वरूप शहर के सभी कॉलजों को बंद करवा दिया है। आपको बता दें कि छात्र नेताओं ने इस मामले की भनक लगने पर शुक्रवार को ही चक्काजाम कर दिया था, जिसे दबाने के लिए पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी थी।
दरअसल दशहरे के पहले उच्च शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने घोषणा की थी कि इस साल छात्र संघ चुनाव होंगे और इसकी अधिसूचना जल्द जारी कर दी जाएगी। मंत्री की घोषणा के बाद कॉलेजों में छात्र नेताओं ने अपने स्तर पर तैयारियों और जनसंपर्क की रूपरेखा तैयार कर ली थी, लेकिन आखिरी समय में चुनाव रद्द होने से छात्रा नेताओं का सरकार के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा। दशहरे के बाद सरकार की तरफ से 8 अक्टूबर को चुनाव कराए जाने थे और इसके बात छात्र संघ का गठन किया जाना था।
मिली जानकारी के मुताबिक पिछले तीन-चार दिनों से छात्र नेता चुनाव की अधिसूचना को लेकर कयास लगा रहे थे। कई छात्र नेता अपने भोपाल में बैठे आकाओं के संपर्क में थे ताकि उन्हें अधिसूचना की जानकारी सार्वजनिक होने से पूर्व ही मिल सके और वे पूरे लाव लश्कर के साथ चुनाव मैदान में उतर सके। लेकिन भोपाल से कोई जवाब नहीं मिलने से वे उदास हो गए।
बता दें कि तारीख नजदीक आते ही छात्र नेताओं की धड़कनें तेज हो गई। 5 अक्टूबर तक जब चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी नहीं की गई तो भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं ने आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली। दोनों पार्टियों के नेताओं ने कालेजों में प्रदर्शन किया। कुलपति को ज्ञापन दिया और सरकार की नीतियों का विरोध किया।
चुनाव रद्द होने को लेकर छात्र नेताओं का कहना है कि जब सरकार को चुनाव नहीं कराने थे तो सरकार ने घोषणा क्यों की। छात्रों ने कहा कि घोषणा करने से पहले सरकार को विचार-विमर्श कर लेना चाहिए। हम पूरी तैयारी में थे। इस तरह छात्रों के साथ धोखा करना उचित नहीं है। इधर छात्र नेताओं ने आज कॉलेजों में पहुंचकर विरोध स्वरूप उन्हें बंद कराया।