नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान के हर कोई तारीफ कर रहा है। इस बात के चर्चे सिर्फ भारत में नहीं बल्कि दुनिया के हर कोने में हो रही है। भारत के तमाम हिस्सों में चल रहे स्वच्छता अभियान के ताजा आंकड़े आ गए है। इन आकड़ों में सबसे खास बात ये है कि मध्यप्रदेश के दो शहरों ने इस बार बाजी मारते हुए पहले और दूसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई है।
मध्यप्रदेश के दो शहर
ताजा आकंड़ों में मिनी मुंबई के नाम से मशहूर मध्य प्रदेश का इंदौर शहर देश का सबसे स्वच्छ के रूप में बाजी मारी है जबकि मध्यप्रदेश की राजधानी दूसरे नंबर पर है। जहां एक तरफ मध्यप्रदेश की छवि काफी साफ-सुथरी है तो दूसरी तरफ यूपी और बिहार इस लिस्ट में सबसे पीछे हैं।
स्वच्छ भारत आंदोलन के तहत इस वर्ष देश के 434 शहरों में स्वच्छ सर्वेक्षण कराया गया था जिसमें इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ और भोपाल को दूसरे नंबर पर घोषित किया गया। सर्वेक्षण में 37लाख नागरिकों ने भाग लिया जिनसे 6 प्रश्न पूछे गए थे और 18 लाख जवाब मिले थे।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वैंकेया नायडू ने गुरुवार को एक समारोह में सर्वेक्षण के परिणाम घोषित किए। उन्होंने बताया कि शहरी विकास मंत्रालय द्वारा गठित परिषद द्वारा देश के 434 शहरों में कराये गये स्वच्छता सर्वेक्षण के उपरान्त बनाई गयी रिपोर्ट में 38 शहरों को सम्मानित करने की सिफारिश की गई थी। परिषद के सदस्यों ने सड़क से लेकर शहर जिनके सार्वजनिक स्थानों, मार्केट, रेल लाइन, बस अड्डों और कॉलोनियों में स्वच्छता की जांच पड़ताल की गई थी।
इन शहरों ने सफाई में मारी बाजी
सर्वेक्षण के अनुसार शहरों के मामले में आंध्र प्रदेश का विशाखापत्तनम शहर चौथे पर, कर्नाटक का मैसूर शहर पांचवीं रैंकिंग पर तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर छठी रैंकिंग पर, दिल्ली की नई दिल्ली नगरपालिका क्षेत्र सातवें रैंकिंग पर, महाराष्ट्र का नवी मुंबई शहर आठवीं रैंकिंग पर, आंध्र प्रदेश का तिरुपति शहर नवी रैंकिंग पर व गुजरात का बड़ोदरा दसवीं रैंकिंग पर आया है।
ये शहर हैं सबसे पीछे
नायडू ने इस अवसर पर उन शहरों के नामों की भी घोषणा की जो साफ-सफाई के मामले में सबसे पिछड़ गए। उत्तर प्रदेश का गोंडा शहर पहले नंबर पर, महाराष्ट्र का भुसावल शहर दूसरे नंबर पर, बिहार का बगहा तीसरे नंबर पर, उत्तर प्रदेश का हरदोई चौथे नंबर पर, बिहार का कटिहार शहर पांचवे नंबर पर, उत्तर प्रदेश का बहराइच शहर छठे नंबर पर, पंजाब का मुक्तसर सातवें और अबोहर शहर आठवें नंबर पर, उत्तर प्रदेश का शाहजहांपुर नौवें और खुर्जा शहर दसवें नंबर पर आया है।
इंदौर की छवि सुधरी
साफ सफाई के मामले में रैंकिंग सुधारने पर अब इंदौर शहर प्रथम स्थान पर आया है। जबकि 2015 के सर्वेक्षण में यह 25 वें स्थान पर आया था। इंदौर नगर निगम को अब अमृत योजना की किश्त जारी हो जाएगी इसमें सीवेज और ड्रेनेज के लिए करीब 800 करोड़ रुपये की राशि केंद्र से मिलेगी।
मैसूर पिछड़ा
नायडू ने बताया कि इस साल साफ सफाई के मामले में पांचवे नंबर पर आने वाला कर्नाटक का मैसूर शहर को जो साल 2014 के सर्वे में पहले स्थान पर था। जिसे 87 प्रतिशत नंबर मिले हैं। उन्होंने कहा कि इसका यह मतलब नहीं कि वहां साफ सफाई में कमी आई है पर चार शहर उससे साफ सफाई के मामले में आगे निकल गए हैं। इस अवसर पर उन्होंने एक और खुशखबरी देते हुए बताया कि पूरी दुनिया में भारत का साफ-सफाई के मामले में 12 स्थान मिला है जो देश और देशवासियों के लिए गर्व की बात है।
बिहार और यूपी की हालात खराब
यडू ने उत्तर प्रदेश व बिहार के अनेक शहरों में साफ-सफाई पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिए जाने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश क्षेत्रफल और आबादी के मामले में देश के छह छोटे राज्यों के बराबर है। उसका विकास हुए बिना देश का विकास नहीं हो सकता। इसलिए कल वह अपने अधिकारियों के साथ उत्तर प्रदेश जा रहे हैं और बाद में बिहार भी जाएंगे जिसके 17 शहर 300 की रैंकिंग के नीचे है। जबकि उत्तर प्रदेश के 62 में से 41 शहर नीचे के 100 शहरों की सूची में शामिल है जो चिंता की बात है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले वर्ष स्वच्छता के मामले में यह दोनों प्रदेश भी पीछे नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश का वाराणसी शहर ने जो प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र भी है साफ सफाई के मामले में काफी प्रगति की है और अपनी रैंकिंग में इस वर्ष 32 पायदान का सुधार किया है।
मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड ,छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों ने साफ सफाई के मामले में काफी प्रगति की है। गुजरात में राजकोट, छत्तीसगढ़ में बिलासपुर, आंध्र प्रदेश के चार शहरों, तेलंगाना के दो शहरों को छोड़कर इन राज्यों ने रैकिंग में काफी सुधार किया है। छह राज्यों में अनेक शहरों ने भी साफ सफाई पर ध्यान देकर अपनी रैंकिंग काफी सुधारी है।
क्या है राज्यों की रैकिंग
उन्होंने बताया कि 14 राज्यों के 50 सबसे स्वच्छ शहरों में 31 गुजरात, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश के हैं। इसमें गुजरात के 12, मध्य प्रदेश के 11 आंध्र प्रदेश के 8 तमिलनाडु और तेलंगाना के चार चार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, झारखंड, कर्नाटक, सिक्किम, उत्तर प्रदेश का एक एक शहर शामिल है। वहीं दूसरी ओर राजस्थान और पंजाब के पांच—पांच शहर, महाराष्ट्र के दो तथा हरियाणा, कर्नाटक और लक्ष्य दीप के एक—एक शहर साफ सफाई के मामले मेें नीचे से 50 शहरों में शामिल है।