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भारत, जी4 के सदस्यों ने सुरक्षा परिषद में सुधार की प्रतिबद्धता दोहराई

un भारत, जी4 के सदस्यों ने सुरक्षा परिषद में सुधार की प्रतिबद्धता दोहराई

संयुक्त राष्ट्र। भारत सहित जी4 के देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र से अलग एक बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 21वीं सदी की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने वाले सुधारों के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई है। शुक्रवार को हुई बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है, जी4 के मंत्री संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के व्यापक सुधार के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता पर बल देते हैं। इसे 21वीं सदी की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखने की जरूरत है।

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बयान में कहा गया है, संयुक्त राष्ट्र के गठन के 70 साल से भी अधिक हो जाने के बाद सुरक्षा परिषद को भी लगातार बढ़ते वैश्विक बदलाओं का सामना कर पाने के लिए अनुकूल बनाना होगा। बयान के अनुसार, तरह-तरह के टकरावों एवं मानवीय संकटों को देखते हुए पूरी दुनिया में शांति एवं सुरक्षा की गारंटी के लिए पहले से अधिक प्रतिनिधित्वकारी, विधिसम्मत एवं प्रभावशाली सुरक्षा परिषद की जरूरत है। जी4 में भारत, जापान, जर्मनी और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।

भारत के विदेश राज्यमंत्री एम. जे. अकबर, ब्राजील के विदेश मंत्री जोसे सेरा और जापान के विदेश मंत्री फुमियो किशिदा और जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रेंक वाल्टर स्टीनमीयर ने बैठक में अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व किया। बयान के मुताबिक, ष्मंत्रियों ने सुरक्षा परिषद सुधार पर ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स की बैठकों का स्वागत किया है, जिसने विविध क्षेत्रों के सदस्य देशों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधियों को एकजुट किया, जिसका मकसद सुरक्षा परिषद के सुधारों को आगे बढ़ाना है। इसमें कहा गया है, ष्इस संदर्भ में उन लोगों ने सुधार चाहने वाले सभी सदस्य देशों से इस प्रयास में शामिल होने और अंततरू एक सार्थक सुधार करने का आह्वान किया है।

इन सभी चारों सदस्यों ने खुद को न्यायसंगत उम्मीदवार बताते हुए स्थाई सीट के लिए एक-दूसरे की आकांक्षाओं का समर्थन किया है। चारों देशों ने 70वें महासभा के अध्यक्ष डेनमार्क के मोजेन्स लाइकेटॉफ्ट को सुरक्षा परिषद के उनके अंतर-सरकारी समझौता वार्ता के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। मंत्रियों ने न्यायसंगत क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को अपना समर्थन देने और स्थाई और अस्थाई सदस्यता में अफ्रीका के प्रतिनिधित्व को अनिवार्य बताया है। उन लोगों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें अध्यक्ष के प्रति अपने पूर्ण समर्थन का इजहार किया और भरोसा जताया कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुगम एवं सार्थक सुधार की दिशा में प्रगति का समर्थन करेंगे। इन देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अंतर सरकारी समझौता वार्ता के ढांचे के तहत सुधार के लिए काम करते रहने का संकल्प लिया है।

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