नई दिल्ली। भारत और 40 अन्य देशों के साथ स्विट्जरलैंड ने बैकिंग सूचनाओं का आदान प्रदान करने की अनुमति दे दी हैं। वित्तीय सूचनाओं का स्वचलित तरीके से आदान-प्रदान 2019 के वसंत से शुरु होगा। यह मंजूरी स्विटरजलैंड की संघीय परिषद ने दी हैं। इसका मतलब यह हैं कि अब इसके लिए किसी तरह की जनमत की आवश्यकता नहीं हैं।
अब इसके लागू होने में कोई रुकावट नहीं आएगी इससे निश्चित रुप से देश से बाहर काला धन जमा करने पर अंकुश लग सकेगा।
इसे स्वत: आदान प्रदान की आंरभिक तिथि के बारें स्विटरजरलैंड की संघीय परिषद भारत सरकार को जानकारी देगी हांलाकि सरकार ने किया हैं कि सूचना का आदान प्रदान शुरु करने से पहले यह देखेगी कि भारत एवं अन्य देश गोपनीयता एंव सूचनाओं की हिफाजत के नियमों के अनुपालन के लिए तैयार नही हैं।
इससे पहले मार्च महीने में स्विटजरलैंड ने चेतावनी दी थी कि अगर कालेधन की सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान की प्रस्तावितल व्यवस्था के तहत गोपनीयता की शर्त को भंग किया गया तो वह सूचना देने के काम को निंलबित कर सकता हैं। स्विट्जरलैंड के अंतरराष्ट्रीय वित्तिय मामलों के विभाग एसआईएफ ने एक बयान में कहा था कि घरेलू वित्तिय संस्थाएं पहली बार इस आकड़े एकत्रित कर रही हैं।