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दुनिया के लिए इंसानियत का पैगाम हैं रमजान: नंदकुमार

22 4 दुनिया के लिए इंसानियत का पैगाम हैं रमजान: नंदकुमार

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमारसिंह चौहान और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत ने रमजान के मौके पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दुनिया के लिए इंसानियत का पैगाम है।

 

22 4 दुनिया के लिए इंसानियत का पैगाम हैं रमजान: नंदकुमार

उन्होंने कहा कि रमजान माह अच्छे काम करने, क्षमा और प्रायश्चित करने का पर्व है। इसी माह कहा जाता है कि कुरान शरीफ लिखी गयी थी। कुरान इंसान को सही मार्ग पर चलते, दूसरों पर दया करने, अपनी भूल सुधारने, जरूरतमंद की मदद करने का मार्ग बताती है।

रोजा इस्लाम के चुनिंदा पांच नियमों की शुरुआत है। जकात देने की परंपरा के पीछे त्याग की भावना है कि हम कुछ अपना देकर दूसरों की भलाई करें। सबके प्रति हमदर्दी रखें और किसी को न तो दुख दर्द दें और न हिंसा की ओर झुकाव दिखाए।
नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि रमजान का पैगाम है कि यदि इस मुबारक मौके पर दूसरों का भला करेंगे तो तुम्हें बरकत मिलेगी और जन्नत के द्वार खुलेंगे। उन्होंने कहा कि रमजान के शुभ अवसर पर देश की खुशहाली के लिए दुआ होगी और भाईचारे के रिश्ते मजबूत होंगे।
रमजान माह में अल सुबह (सादिक के वक्त) सूरज निकलने के पहले से लेकर शाम को मगरिब की अजान (सूर्यास्त) होने तक कुछ भी खाने-पीने की हसरत करना तक हराम करार दिया गया है।

रोजा अफ्तार करने के बाद ही खाना-पीना छोड़ देना अर्थात भूखा रहने का नाम रोजा नहीं और खुदा भी ‘सिर्फ भूखे’ से खुश नहीं।

खुदा तो उन रोजेदारों से खुश रहता है जो रोजे के अरकानों को पूरी अकीदत और ईमान के साथ अदा करते हैं।

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