नई दिल्ली। पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को फासी की सजा सुनाने के बाद भारत में एक तरह के आंदोलन की शुरुआत हो चुकी है। इस आंदोलन में भारत सरकार के साथ ना केवल विपक्ष बल्कि पूरा देश एकजुट होकर भारत के बेटे को बचाने की मुहिम से जुड़ गया है। मंगलवार( 10-4-2017) को राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बयान देते हुए हर हाल में जाधव को बचाने की बात कही। उन्होंने कहा कि वो एक प्लान के शिकार हुए है और अगर ऐसा हुआ तो भारत इसे सुनियोजित हत्या के तौर पर लेगा।
लेकिन क्या आपको पता है कि जाधव को बचाने के लिए भारत के पास क्या विकल्प है? और वो किस हद तक कुलभूषण की सहायता कर सकता है। ये विकल्प इस प्रकार है…
जाधव मामले में भारत सरकार के सामने है ये विकल्प:-
-भारत सरकार के पास जाधव मामले में कानून के अनुसार अपील करने के लिए 60 दिन है।
-पाकिस्तान आर्मी एक्ट के तहत सेना की ही अदालत में अपील करनी होगी।
-मेजर जनरल रैंक का अधिकारी फिर से सुनवाई करेगा।
-अगर यहां भी सजा बरकरार रहती है तो फिर सेना प्रमुख से माफी की मांग की जा सकती है।
-पाक राष्ट्रपति से सजा माफी की गुहार अंतिम रास्ता है।
ये है पाकिस्तान का दावा:-
पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण पाकिस्तान में रॉ की तरफ से जासूसी करता था और कई आतंकी गतिविधियों में भी संलिप्त था। आपको बता दें कि इससे पहले लगातार पाकिस्तान कहता रहता था कि उसके पास कुलभूषण को दोषी करार देने के लिए उनके पास कोई सुबूत नहीं थे। उल्लेखनीय है कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा दी गई फांसी की सजा पर पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा ने अपनी मुहर लगा दी है। आईएसपीआर के मुताबिक, जाधव को गत साल 3 मार्च को बलूचिस्तान के मश्केल इलाके से गिरफ्तार किया गया था औ उनके उपर पाकिस्तान में जासूसी करने और सिंध व बलूचिस्तान में अशांति फैलाने का आरोप है जो साबित हो गया है।
पढ़िए पाकिस्तान का जाधव मामले में जवाब