नई दिल्ली। भारत और इजराइल जल्द ही एक साथ मिसाइल बनाएंगे और इस 17,000 करोड़ रुपये के समझौते को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। डीआरडीओ और इजराइली एयकक्राफ्ट इंडस्ट्री इस परियोजना पर एक साथ काम करेंगे। इस बात की जानकारी शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट कमेटी की एक बैठक में इस मिसाइल समझौते को मंजूरी दी गई है।
भारत में ही होगा मिसाइल का निर्माण:-
मध्यम रेंज की सतह से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल का निर्माण भारत में ही किया जाएगा जिसमें भारत का 80 फीसदी तक सहयोग होगा। इस सिस्टम को तैयार करने के लिए डीआरडीओ को साल 2013 तक का समय दिया गया है। इसके बाद उसे मिसाइल की डिलीवरी करनी होगी। इस मिसाइल का विकास संयुक्त रुप से आईएआई, डीआरडीओ और इजराइल एडमिनिस्ट्रेशन फॉर डेवलपमेंट ऑफ वेपंस एंड टेक्नोलॉजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर , एल्टा सिस्टम्स, राफेल और अन्य कमपनियों की सहायता से किया जा रहा है।
जाने क्या हैं इस मिसाइल की खूबियां?
-इस मिसाइल की मारक क्षमता 50 किलोमीटर से लेकर 70 किलोमीटर तक होगी।
-ये मिसाइल एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन जैसे हवाई खतरों से रक्षा के लिए डिजाइन की गई है।
-ये अत्याधुनिक उपकरणों से लैस मिसाइल होगी। जिसमें मल्टी मिशन रडार, दि्मार्गी डाटा लिंक और एक सुगम कमान सहित नियंत्रण प्रणाली है।
-उपकरणों से लैस होने की वजह से दिन और रात में सहित किसी भी मौसम में अपने लक्ष्य को साधन में सक्षम है।
-बराक सिस्टम पर आधारित है जो कि भारत में पहले से ही इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि इसमें कुछ और बदलाव भी किए जा सकते हैं।