नई दिल्ली। विश्व में रक्षा के मामले में इजराइल की तकनीकि के आगे सारा विश्व नतमस्तक होता है। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इजराइल के दौरे पर जाने वाले हैं। पीएम मोदी का ये दौरा ठीक उनकी अमेरिकी यात्रा के बाद और चीन की ओर से भारतीय सीमा पर उठे विवाद के बीच हो रहा है। भारत की ओर से इजराइल की यात्रा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी देश के पहले पीएम होंगे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी की ये यात्रा रक्षा के साथ वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण होगी।
भारत और इजराइल के सम्बन्धों की अहम कड़ी है यात्रा
इसके पहले जब पीएम मोदी के दौरे को लेकर खबरें आई थीं तो इजराइल के समाचार पत्रों ने अपनी उत्सुकता इस कदर जाहिर की थी, कि एक समाचार पत्र ने यहां तक लिख दिया था, कि दुनियां के सबसे विषेश प्रधानमंत्री का आगमन होने वाला है। इस दौरे की अहमियत इसलिए देखी जा सकती है कि अधिकारिक सूचना के मुताबिक खुद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत करेंगे। दोनों देशों के बीच अगर सम्बन्धों का इतिहास खंगाला जाये तो 90 के दशक से दोनों मुल्कों के बीच दोस्ताना रिश्ते रहे हैं। पिछले एक दशक से दोनों देशों के बीच करीब 670 करोड़ का बड़ा कारोबार भी हुआ है। मौजूदा वक्त में भारत 67 से 100 अबर रूपये का सैन्य उत्पाद इजराइल से आयात करता है। दोनों देशों के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध 1992 से ज्यादा बेहतर हुए हैं। दोनों देशों के बीच इजराइल की हथियार बेचने की मंशा संबंधों को ज्यादा करीब लाये हुए है। 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान इजराइल के दिए गये लेजर गाइडेड बम और मानवरहित हवाई विमानों ने अहम भूमिका निभाई थी। उस मुश्किल समय में इजराइल ने भारत की मदद कर अपने सम्बन्ध और ज्यादा मजबूत बनाए हुए थे।