लखनऊ। सूबे की सियासत में समाजवादी पार्टी में मचा घमासान थम गया है। समझौते की कमान संभाले सपा सुप्रीमो पार्टी को फिर से एक जुट करने की कवायद में जुटे हैं।इस पूरे संग्राम में अखिलेश की छवि एक दमदार और फैसलों को लेकर अडिग नेता के रूप में जनता के सामने उभर कर आई है। उसके बाद से एक बार फिर अखिलेश को लेकर जनता की लोकप्रियता बढ़ी है।
अखिलेश के इस बदले स्वरूप के बाद पार्टी में एक बार फिर से अखिलश को लेकर एक नई तरह की चर्चा का माहौल गरम हो गया है।समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता व नेताओं का कहना है कि पूर्व में जिन इलाकों में टिकट बदले गये थे। वहां फिर से शायद इस संग्राम के बाद टिकटों का अदला बदली हो सकती है।
ऐसे में अगर टिकटों की अदला-बदली हुई या किसी का टिकट काट कर दूसरे को टिकट से नवाजा गया। तो जो प्रत्याशी अभी लगे हैं एक तो उनके नाराज होने का खतरा है, दूसरा बदले गये उम्मीदवार का नये सिरे से चुनाव के ठीक पहले मैदान में आना कितना कारगर रहेगा। अब धीरे धीरे चुनावी बिगुल जब बोजने वाला है उस वक्त ठीक पहले परिवार में हुए इस संग्राम में पार्टी में नई चर्चाओं को बल दिया है।
(अकील सिद्दीकी, संवाददाता)