कोहिमा। नगालैंड के सियासी उठापटक अब अपने क्लाइमेक्स की ओर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। नगालैंड के मुख्यमंत्री डॉ. शुरहोजेलि लियोजित्सु को राज्यपाल पीबी आचार्य ने अगले 15 जुलाई तक अपना बहुमत साबित करने का अल्टीमेटम थमा दिया है। राजभवन से बीते मंगलवार की देर शाम को जारी निर्देश में 15 जुलाई तक सदन में बहुमत साबित करने के लिए डॉ. लियोजित्सु को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि यह निर्देश सत्ताधारी दल नगा पीपुल्स (एनपीएफ) के बगावती गुट के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग के द्वारा 60 सदस्यीय विधानसभा में अपने समर्थन में 41 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल को सौंपे जाने के बाद सामने आया है। जेलियांग ने गत शनिवार की देर शाम को अपने समर्थन में 41 विधायकों वाला पत्र राज्यपाल को सौंप दिया था। हालांकि राज्यपाल राज्य से बाहर थे, जिसके चलते इस पर विचार होने में समय लगा।
सूत्रों ने दावा किया है कि नगालैंड के राजनीतिक विवाद का मुद्दा 17 जुलाई से पहले सुलझा लिया जाए ताकि राष्ट्रपति चुनाव में किसी तरह की कोई अड़चन न आए। उल्लेखनीय दिसम्बर और फरवरी के बीच पार्टी में हुई बगावत के बाद डॉ. लिजित्सु ने राज्य की सत्ता संभाली थी। वे वर्तमान में विधायक नहीं हैं।
बता दें कि आगामी 29 जुलाई को होने जा रहे उत्तर अगामी-1 विधानसभा सीट से वे चुनाव लड़ रहे हैं। यह सीट उनके बेटे ख्रिहू के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। पार्टी के विद्रोही गुटों का कहना है कि डॉ. लियोजित्सु ने सत्ता हासिल करने के दौरान किए गए वादे को पूरा नहीं किया, जिसमें तय हुआ था कि तीन माह बाद पुनः गद्दी टीआर जेलियांग को सौंप देंगे। ज्ञात हो कि एनपीएफ सरकार में भाजपा भी सहयोगी पार्टी है। उसके चार विधायक हैं। मुख्यमंत्री लियोजित्सु के साथ महज 13 विधायकों का ही समर्थन हासिल है।