भोपाल। मध्य प्रदेश की सरकार राज्य में एक तरफ बेहतर कानून व्यवस्था की दुहाई देती है, तो वहीं राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली पुलिस को ही इंसाफ के लिए दर-दर भटकना पड़ा। राजधानी भोपाल में जहां एक तरफ प्रदेश के स्थापना दिवस का जश्न मनाया जा रहा था, तो वहीं एक रेप पीड़िता अपने पुलिसकर्मी माता-पिता के होने के बावजूद भी थाने में मामला दर्ज करवाने के लिए भटक रही थी। अब आप ही सोचिए जिस राज्य में पुलिसकर्मियों के बच्चों को इंसाफ के लिए भटकना पड़ रहा है,वहां पर आम इंसान कि कितनी सुनी जाती होगी। कहां गई राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था की दुहाई देने वाली शिवराज सरकार जो एक रेप पीड़िता को इंसाफ नहीं दिल पा रही है, जिसमें उस पीड़िता के माता-पिता राज्य की कानून व्यवस्था को बनाए रखने का काम करते हैं।
सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पीड़िता को जब कानून इंसाफ नहीं दिलवा पाया तो उसने खुद ही आरोपियों को पकड़ने का निर्णय लिया। पीड़ित ने अपनी पुलिसकर्मी मां के साथ मिलकर दरिंदों को ढूंढने के लिए संभावित ठिकानों पर आरोपियों की तलाश की और उन्हें इसमें कामयाबी मिल गई। मां-बेटी ने मिलकर एक आरोपी को पकड़ लिया और उसे खुद घसीटते हुए थाने ले गई। इसके बाद आनन-फानन में रेलवे पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। जब पुलिस ने आरोपी पर सख्ती दिखाई तो उसने बाकी के तीन आरोपियों के नाम और ठिकानों का पता बता दिया और पुलिस ने संभावित ठिकानों से दो आरोपियों को धर-दबोचा, वहीं एक आरोपी फरार होने में कामयाब हो गया। दूसरी तरफ मामले में कोताही बरतने को लेकर डीआईजी संतोषसिंह ने राज्य के नगर थाना के सब इंसेपेक्टर रामनाथ टेकाम को सस्पेंड कर दिया।
इस मामले को लेकर धर्मेद्र सिंह छवाई ने बताया कि पीड़िता 19 वर्षिय बीएससी की छात्रा है, साथ ही वो यूपीएससी के एग्जाम की तैयारी कर रही है। इसके लिए उसने एमपी नगर की एक कोचिंग क्लास ज्वाइन कर रखी है। मंगलवार शाम करीब 7 बजे वह कोचिंग से निकलकर घर जाने के लिए पैदल रेलवे ट्रैक किनारे से हबीबगंज रेलवे स्टेशन की ओर जा रही थी।आरपीएफ थाना के 100 कदम पहले अचानक दो युवकों ने उसका मोबाइल फोन,कान की बाली,सोने की चेन लूट ली। झूमाझटकी के दौरान वह नाले के किनारे गिर गई। अंधेरे का फायदा उठाते हुए बदमाशों ने छात्रा के कपड़े फाड़ दिए और बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया।