देश में इन दिनों राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। कभी किसी तो कभी किसी के नाम पर राजनीतिक पंडित अपनी रोटियां सेकने में लगी हुई है। लेकिन देश की राजनीति उस वक्त जरूर सुर्खियों में आई जब विपक्ष के तीन बड़े नेताओं ने एक ही हफ्ते में इस्तीफा दे दिया। विपक्ष के तीन बड़े नेता मायावती (बीएसपी), अंबिका सोना (कांग्रेस), शंकर सिंह वाघेला (कांग्रेस) हैं। विपक्ष के इन तीन बड़े नेताओं का एक ही हफ्ते के अंदर अपना इस्तीफा देना अपने आप में कई मायने रखता है। तीनों नेताओं के एक ही हफ्ते में इस्तीफा देने से कई सारे सवाल भी खड़े हो गए हैं। सवाल यह है कि आखिर विपक्ष के तीन बड़े नेताओं ने एक ही हफ्ते में अपना इस्तीफा दिया है। आखिर इसके पीछे क्या कारण हो सकता है।
सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या इसके पीछे कोई राजनीति षड्यंत्र तो नहीं है? अगर इसके पीछे कोई राजनीतिक षड्यंत्र है तो उसके पीछे क्या राज है? आखिर क्या कारण है कि विपक्ष के तीन बड़े नेताओं ने एक हफ्ते के अंदर अंदर अपने पद से इस्तीफा दे दिया? क्या यह सब कुछ केंद्र को घेरने की साजिश है? इस्तीफा देने वालों की श्रेणी में क्या किसी और का नाम भी शामिल है? क्या अब मिल जाएंगे विपक्ष के सभी नेता? क्या अब बढ़ने वाली है केंद्र सरकार की मुश्किलें? क्या अब होने वाला है राजनीति का हल्ला बोल? ऐसे हजारों सवाल तीनों विफक्षी नेताओं के इस्तीफा देने के बाद सामने आ रहे हैं। लेकिन इस सब के पीछे आखिर सच्चाई क्या है इस बात का अंदाजा लगा पाना काफी मुश्किल है।